July 27, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर मे नवाबगंज पुलिस ने सुरेंद्र के ब्लाइंड मर्डर का खुलासा कर दिया। लापता होने से लेकर एफआईआर दर्ज कराने में जो दोस्त साथ में मौजूद था, पुलिस की जांच में वही हत्यारोपी निकला। पूछताछ में हत्यारोपी ने बताया कि मेरे बाप को गाली दी इसलिए गंगा में डुबोकर सुरेंद्र की हत्या कर दी थी। दिन में हत्या की इसके बाद रात में 3 बजे शव उतराने पर हाथ-पैर रस्सी से बांध दिया और ईंट लटका दी। नवाबगंज पुलिस ने गुरुवार को हत्यारोपी दोस्त को जेल भेज दिया। नवाबगंज थाना क्षेत्र के गंगा कटरी इलाके के शिवदीनपुरवा में रहने वाला युवक सुरेंद्र (24 वर्ष) बीती 2 मई की शाम घर से निकला और लापता हो गया था। परिवार वालों ने काफी तलाश के बाद भी नहीं मिलने पर नवाबगंज थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। परिवार वालों ने ही 18 मई को गंगा किनारे शव को तलाश लिया था। शव तो पूरी तरह सड़ गया था, लेकिन कपड़े, हाथ में बना टैटू और कटी अंगुली से शव की शिनाख्त सुरेंद्र के रूप में की थी। इसके बाद पुलिस ने इस मर्डर केस की जांच शुरू कर दी थी। डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम और एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार की देखरेख में जांच चल रही थी। पुुलिस ने इस मामले के खुलासे के लिए दो टीमें बनाई। सुरेंद्र मोबाइल इस्तेमाल नहीं करता था इसलिए पुलिस इसे ब्लाइंड मर्डर केस की मैनुअल तरीके से जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि सुरेंद्र को उसका एक दोस्त बाइक में लौकी लदवाने ले गया था। इसके बाद उसी दोस्त ने बताया कि उसने सुरेंद्र को कन्हैया के साथ छोड़ दिया था। पुलिस ने कन्हैया से पूछताछ की तो वह साफ मुकर गया। कन्हैया शव मिलने से लेकर एफआईआर दर्ज करवाने और अंतिम संस्कार तक सुरेंद्र के परिवार वालों और पुलिस के सामने था लिहाजा शक की कोई बात सामने नहीं आ रही थी।

लेकिन संदेह के आधार पर पुलिस ने कन्हैया को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया। शातिर कन्हैया ने बताया कि जब सुरेंद्र उसके पास आया तो वह शराब के नशे में था। सुरेंद्र ने उसे और उसके पिता सुक्खे को गाली गलौज शुरू कर दी, जिससे वह गुस्से में आ गया। दोनों लोग शराब के नशे में थे, तेज आवाज में गाली गलौज और मारपीट हुई। इसी बीच कन्हैया ने सुरेंद्र को धक्का दे दिया, जिससे वह गंगा में लगभग 25 फीट की गहराई में चला गया। काफी तलाशने पर भी वह नहीं मिला तो वह अपनी झोपड़ी में चला गया। रात साढ़े तीन बजे फिर नाव से जब सुरेंद्र की तलाश की तो उसे कुछ दूरी पर शव उतराता मिला। उसने रस्सी से सुरेंद्र के हाथ पांव बांधे और ईंट बांधकर गंगा में शव फेंक दिया। इसके बाद जिस रस्सी से हाथ-पैर बांधा उसका एक टुकड़ा रख लिया। कन्हैया ने पुलिस को बताया कि राजेश और श्री कृष्ण की झोपड़ी उसकी झोपड़ी के पास ही थी। उसने रस्सी का टुकड़ा उनकी झोपड़ी में उन्हें फंसाने के लिए छोड़ दिया। दरअसल कन्हैया ने पुलिस को बताया कि छह महीने पहले सुरेंद्र ने राजेश का हाथ तोड़ दिया था। उसका सोचना था कि रस्सी राजेश और श्री कृष्ण के घर में मिलने पर पुलिस का शक दोनों पर जाएगा, उसका बदला भी पूरा हो जाएगा और सुरेंद्र भी रास्ते से हट जाएगा। लेकिन पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आ गई और पुलिस ने कन्हैया को अरेस्ट करके जेल भेज दिया।

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