लोक निर्माण विभाग अधिकारियों ने ग्रीनपार्क का किया निरीक्षण
कानपुर। ग्रीनपार्क की क्षतिग्रस्त दीर्घाओं और दर्शक क्षमता के लिए लोक निर्माण अधिकारियों की ओर से पूछे गए सवालों पर यूपीसीए के अधिकारी कन्नी काटते रहे। कोई अधिकारी भी लोक निर्माण अधिकारियों के सवालों को सही तरीके से जवाब नही दे सका। गौरतलब है कि ग्रीनपार्क स्टेडियम में 27 सितंबर से 1 अक्टूबर से भारत और बांग्लादेश के बीच प्रस्तावित टेस्ट मैच को सफल बनाने के लिए गुरुवार को कमिश्नर के आदेश पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी स्टेडियम का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां पर उन्होंने कई घंटों तक एक-एक बालकनी और दर्शक दीर्धा में जाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण से पहले अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों से पूछा की स्टेडियम की कितनी दर्शक क्षमता है तो कोई भी सही जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद खेल विभाग ने अपने पुराने दस्तावेज उपलब्ध कराए। फिर अधिकारियों ने निरीक्षण का कार्य शुरू किया। इस दौरान यूपीसीए का कोई भी जिम्मेदार आधिकारी निरीक्षण के समय मौके पर नहीं रहा। पीडब्ल्यूडी विभाग के सहायक अभियंता राहुल सिंह अपनी टीम के साथ करीब 11:30 बजे सबसे पहले ग्रीनपार्क में बने यूपीसीए के कार्यालय पहुंचे यहां पर उन्होंने कर्मचारियों ने वर्तमान में दर्शक क्षमता पूछी, लेकिन कोई सही जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद अधिकारियों ने एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्यों से फोन पर बात की तो वह भी सही चीज नहीं बता सकें। इसके बाद खेल विभाग के क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अमित पाल, बाबू मनोज कुमार ने कुछ दस्तावेज उपलब्ध कराए, जिसमें दर्शक क्षमता लिखी थी। इसके बाद पता चला कि वर्तमान में 30200 की क्षमता स्टेडियम में हैं, लेकिन पिछली बार जो पीडब्ल्यूडी ने निरीक्षण कर स्टेडियम की वर्तमान स्थिति को देखते हुए 22230 दर्शक क्षमता बताई थी।
सबसे पहले टीम ने पवेलियन ए ग्राउंड और बालकनी का निरीक्षण किया, जहां बाहर की तरफ से देखने पर बिल्डिंग से बरसात का पानी टपक रहा था। इसके अलावा कई जगहों पर छत से भी पानी गिर रहा था। इसकी दर्शक क्षमता लगभग 2300 है। मगर वर्तमान की हालत देखते हुए इसमें क्षमता से 70 प्रतिशत तक ही दर्शकों लायक बताया गया है। इसके बाद टीम के सभी सदस्य बी जनरल की तरफ पहुंचे। यहां पर सीढ़ियों में बैठने की व्यवस्था है। इसमें करीब 2082 दर्शक की क्षमता है, लेकिन यहां पर कुछ सीढ़ियां बहुत ही खराब स्थिति में दिखी। इस पर अधिकारियों ने यहां पर भी दर्शक क्षमता का लगभग 70 प्रतिशत लायक बताया। इसमें हल्के मेंटिनेंस की जरूरत बताया। इसके बाद बी गर्ल्स बालकनी में लगी सीटों को देखा। जहां 35 लोगों की बैठने की व्यवस्था है। टीम ने उसे ठीक पाया। टीम जब सी बालकनी की तरफ पहुंची तो बाहर से ही उसकी हालत देखकर दंग रह गई। टीम के सदस्यों ने देखते ही सबसे पहले कहा कि कब से मेटिनेंस नहीं हुआ है यहां का। सरिया छत फाड़कर बाहर झांक रही हैं। सी बालकनी की हालत देखते हुए टीम ने खुद भी हाथ खड़े कर दिए। कहा कि इसका निरीक्षण आई आई टी कानपुर द्वारा ही कराया जाएगा, क्यों कि यहां पर लगभग साढ़े पांच हजार लोगों की बैठने की व्यवस्था है। इसलिए यहां पर किसी भी प्रकार का खतरा नहीं लिया जाएगा। पूरी बिल्डिंग मेंटिनेंस मांग रही है। इसके बाद टीम ने डी चेयर देखी यहां पर 30 प्रतिशत सीटें खराब लगी। जब अधिकारी वी आई पी पवेलियन पहुंचे तो वहां पर उन्हें सारी व्यवस्थाएं दुरस्त दिखी। बॉक्स भी उन्हें सभी ठीक लगे। इसके बाद जब डायरेक्टेड पवेलिनय पहुंचे तो वहां के बॉक्स की सारी कुर्सियों को बंदरों ने फाड़ दिया था। दरवाजे और पंखे तक टूटे पड़े थे। इसके बाद पवेलियन ग्राउंड और बालकनी का निरीक्षण किया। वहां की हालत देखते हुए टीम ने कहा कि बालकनी दर्शक क्षमता के मुताबिक 60 प्रतिशत और ग्राउंड की तरफ 70 प्रतिशत ही दर्शक बैठा सकते हैं। निरीक्षण के दौरान सहायक अभियंता राहुल सिंह के साथ अवर अभियंता अखिलेश कुमार, श्याम सुंदर, सुरजीत सिंह और खेल विभाग के क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अमित पाल मौजूद रहे। टीम निरीक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट कानपुर मंडल के कमिश्नर को सौंपेगी।