संवाददाता।
कानपुर। नगर मे एशिया का सबसे बड़ा और गंदा सीसामऊ नाला अभी भी बेकाबू है। 13 दिन बाद भी नाले का पांच करोड़ लीटर सीवरेज सीधे गंगा में गिर रहा है। यह लापरवाही तब हो रही जब जल निगम ने बीती 26 मई को दोषी कंपनी के तीन जिम्मेदार अफसरों पर ग्वालटोली थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्ती दिखा चेतावनी दी है। गौरतलब है कि यह वही नाला है जिसका सीवेज गंगा में जाने से रोकने पर सरकारी मशीनरी ने यहां से दिल्ली तक वाहवाही लूटी थी। बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा ने निरीक्षण किया तो देखा कि मौके पर सीएसपीएस में लगे पांच पंप बंद हैं और दो ही पंप चल रहे हैं। इसकी वजह से सीसामऊ नाला ओवरफ्लो होकर सीवेज से जाता रहा। नाले को नियंत्रित करने में कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्रा. लिमिटेड कंपनी फेल हो चुकी है। कंपनी की लापरवाही से गंगा में 40 करोड़ लीटर सीवेज सिर्फ सीसामऊ नाले से गिर चुका है। जाजमऊ सीएसपीएस का भी ओवरफ्लो हुआ सीवेज गंगा में गिराया जा रहा है। अफसरों ने बताया, सीसामऊ नाला पंपिंग स्टेशन के आरएमपीएल के पास पंपिंग कर सीवेज को डायवर्ट करने को छह पंप लगे हैं। दूषित पानी को गंगा में जाने से रोकने के लिए जल निगम ग्रामीण और प्लांट का संचालन व रखरखाव का कार्य देख रहे मैसर्स कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस दी है। साथ ही प्रति माह के हिसाब से 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा जिलाधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि 22 मई को भी निरीक्षण में पंप बंद मिले थे। 30 मई को भी निरीक्षण में गंगा में दूषित पानी गिरता मिला।