December 10, 2024

कानपुर। मोहर्रम जुलूस के दौरान  भड़काऊ नारे लगाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ हुआ है रावतपुर पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने माना कि मंदिर के सामने उन्होंने ही गुस्ताख-ए-रसूल की एक ही सजा- सिर तन से जुदा’ नारे लगाए थे। जांच में सामने आया कि इस्लामिक संगठन के उकसाने पर कानपुर में शहर का माहौल बिगाड़ने की किए  नारे लगाए गए थे। इस मामले में 4 आरोपियों को जेल भेजने के बाद सुरक्षा एजेंसियां अब इन लोगों से नए सिरे से पूछताछ करने की तैयारी कर रही हैं। चारों आरोपी अनस, फहीम, अली और मुन्ना बेहद सामान्य परिवार से हैं। चारों ने बताया- वे तहरीक-ए-लब्बैपक और तमाम सारे मुस्लिम कट्‌टरपंथी संगठनों के फॉलोअर्स हैं। वीडियो की तकरीरें सुनते-सुनते उन्होंने फैसला किया कि मोहर्रम के जुलूस में वह नारे लगाएंगे। सुरक्षा एजेंसियां इन बयानों के आधार पर आगे की जांच कर रही हैं। यह भी देखा जा रहा है कि क्या कानपुर में हिंसा भड़काने की कोशिश तो नहीं जा रही थी। अगर ऐसा था तो क्या यूपी के किसी अन्य शहर से इन लड़कों को सपोर्ट मिल रहा था। एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय ने बताया कि  नारेबाजी होने के बाद पिछले 10 दिनों से रावतपुर एरिया के करीब 80 सीसीटीवी  देखे गए। वायरल वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान हुई। 4 तो पकड़े गए हैं, बाकी और आरोपियों को भी ट्रेस किया जा रहा है। नारेबाजी का वीडियो सामने आने और एफआईआर दर्ज होने के बाद चारों आरोपियों ने अपना घर छोड़ दिया था। हालांकि कानपुर में ही रहने वाले अपने रिश्तेदारों के घर में छिपे हुए थे। जब पुलिस की ताबड़तोड़ दबिश रिश्तेदारों के घर भी शुरू हुई तो गुरुवार को चारों ने शहर छोड़कर भागने का प्रयास किया और दलहन अनुसंधान के पास पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया।रावतपुर में भड़काऊ नारेबाजी पुलिस की मौजूदगी में हुई थी। लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की थी। जुलूस के बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस ने एक्शन लिया। इसके बाद आनन-फानन में आयोजक समेत 50 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। हनुमान मंदिर के सामने जुलूस में शामिल लोगों ने इलाके का माहौल बिगड़ने का प्रयास करते हुए गुस्ताख-ए-रसूल की एक ही सजा, सिर तन से जुदा…सिर तन से जुदा…जैसे भड़काऊ नारे लगाए थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने जांच बैठा दी थी। जांच में वायरल वीडियो सही पाया गया और 22 जुलाई को रावतपुर थाने में आयोजक आसिफ शाह उर्फ टीटू समेत 50 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी।

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