July 27, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर मे अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में बुधवार को विश्वविद्यालय द्वारा ‘योगोत्सव पखवाड़े‘ का उद्घाटन कार्यक्रम सीनेट हॉल में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यक्रम अध्यक्ष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, मुख्य वक्ता आर्ट आफ लिविंग के करन अरोड़ा, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ. वन्दना पाठक, प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी एवं कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने दीप प्रज्जवलन कर किया। प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने कहा कि पूर्व में भी आप लोगों के सहयोग से योगोत्सव माह को आयोजित कर एक नया कीर्तिमान विश्वविद्यालय ने स्थापित किया था। उन्होंने कहा योग के अभ्यास एवं योगिक जीवन शैली निश्चित ही हमारे स्वास्थ्य के सभी आयामों को प्रभावित कर सकारात्मक दिशा में उन्मुख करते है, परन्तु इसमें बड़े स्तर पर वैज्ञानिक अनुसंधान की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ. प्रवीन कटियार ने कहा कि इस योग पखवाड़े में मुख्य रूप से रोग आधारित योग कार्यशालायें, 15 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर, महिला दिव्यांग योग, जल योग व 21 जून को विश्वविद्यालय परिसर सहित सभी संबद्ध महाविद्यालयों, एनसीसी तथा एनएसएस इकाईयों द्वारा चयनित गांव/मलिन बस्तियों में सामान्य योगाभ्यास प्रोटोकाल का अभ्यास कराया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि दसवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अन्तर्गत योग पखवाड़े में सभी संस्थाओं का विभिन्न रूपों में सहयोग प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि योग के अभ्यास को हमें योग पखवाड़े अथवा योग दिवस पर ही नहीं करना चाहिए बल्कि इसे नियमित तौर पर अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर योग के चित्र हमें योग को जानने एवं अपनाने को प्रेरित करते है। हम अपने फाइन आर्ट्स विभाग के शिक्षकों और आप सभी योगाचार्यों से अनुरोध करते है कि विश्वविद्यालय में एक ऐसा योग पार्क विकसित किया जाए। यह पार्क योग के विभिन्न आसन, प्राणायाम, ध्यान, मुद्रायें आदि योगिक क्रियाओं से सुसज्जित हो। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य, डॉ. वन्दना पाठक ने कहा कि इस बार अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘महिला सशक्तिकरण के लिए योग‘ है। महिलाएं समाज की धुरी है, समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं की प्रमुख भूमिका है, जैसे परिवार निर्माण, समाज निर्माण आदि। इसके लिए उन्हें बहुमुखी प्रतिभा एवं उत्तम स्वास्थ्य आवश्यक है। योग की विभिन्न क्रियाओं के नियमित अभ्यास से महिलाओं में जहां एक ओर स्वास्थ्य के सभी आयाम विकसित होते है। वहीं, दूसरी ओर व्यक्तित्व में उत्तम समायोजन की योग्यता आती है। महिला चाहें कामकाजी हो अथवा गृहणी, उत्तम स्वास्थ्य एवं समायोजन की योग्यता हर क्षेत्र में आवश्यक है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कार्यक्रम के मुख्य वक्ता करन अरोड़ा, कार्यशाला के आयोजक देवेश अवस्थी, आईएम रोहतगी, गोविन्द विहारी, वेद प्रकाश शर्मा, उषा शर्मा, पीसी अग्निहोत्री को सम्मानित किया। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ. वन्दना पाठक को निमिषा सिंह कुशवाहा ने स्मृति चिह्न एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया।

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