तत्काल जांच के आदेश बड़े घोटाले का खुलासा।


संवाददाता।
कानपुर। नगर मे पुलिस अधिकारियों ने चार पहिया वाहनों को फर्जी प्रदूषण प्रमाणपत्र जारी करने से जुड़े एक महत्वपूर्ण घोटाले का पता लगाया है। चिंताजनक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि हज़ारों वाहनों को उचित फिटनेस जांच के बिना ही प्रदूषण प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। यह घोटाला तब सामने आया जब काकादेव पुलिस स्टेशन में एक मामले के सिलसिले में जब्त किया गया एक चार पहिया वाहन गैर-कार्यात्मक स्थिति में होने के बावजूद प्रदूषण प्रमाण पत्र के साथ जारी किया पाया गया। वाहन बुरी तरह खराब हो चुका था और उपयोग के लिए अयोग्य था। इस घटना ने गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं, खासकर तब जब शहर में वायु प्रदूषण लगातार स्वीकार्य स्तर से अधिक है। मामला क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के अधिकारियों के ध्यान में लाया गया है, जिन्होंने तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए हैं। फर्जी प्रदूषण प्रमाणपत्र कथित तौर पर उत्तर प्रदेश ऑनलाइन मोटर वाहन प्रदूषण जांच केंद्र द्वारा अधिकृत एक पंजीकृत प्रदूषण परीक्षण केंद्र द्वारा जारी किया गया था। प्रमाणपत्र पर 24 जुलाई की तारीख लिखी हुई थी और इसे मालिक कुमार अवस्थी को जारी किया गया था, जिसमें केंद्र का पता कानपुर लिखा था। प्रभारी अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं। उनका मानना है कि घटना की व्यापक जांच से घोटाले की सीमा और इसमें शामिल लोगों पर प्रकाश पड़ेगा। मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए सड़क पर वाहनों की सुरक्षा और पर्यावरण अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। अधिकारियों ने प्रदूषण परीक्षण मानकों का कड़ाई से पालन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है। जांच पूरी तरह से की जाएगी और जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर स्थिति को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे दोषी जेल जाएंगे।