July 27, 2024

डायरेक्टर्स पैवेलियन का उपयोग दूसरे उददेश्य के लिए


कानपुर। ग्रीन पार्क के डायरेक्टर पवेलियन में कभी वीवीआइपी और वीआईपी लोगों को मैच देखने के लिए आवंटित कमरों में बिठाया जाता था उसे ही स्मार्ट सिटी योजना के तहत ग्रीनपार्क स्टेडियम में बनवायी गयी विजिटर गैलरी के चलते शासन से उनका ही पैवेलियन छीन लिया गया। लगभग 350 सीटों वाला खेल निदेशालय का अपना वीवीआईपी और वीआईपी पैवेलियन केवल कमाई का जरिया बन कर रह गया। राज्यपाल, मुख्यमन्त्री के साथ शासन और प्रशासन के अलावा अत्यन्त विशिष्ठ् जनों के लिए बनवाए गए आलीशान कमरों को ध्वस्त कर दिया गया है। जिसके बदले में शहर के एक नामचीन होटल व्यवसायी को उसे किराए पर लेकर चलाने के लिए दे दिया गया है। हालांकि स्टे डियम में एक विजिटर गैलरी का आइडिया कई पुराने क्रिकेटरों के माध्यम से यूपीसीए के साथ ही खेल विभाग को दिया जा रहा था। जिसमें स्टेडियम से लेकर यहां पर आयोजित क्रिकेट मैच से जुडी स्मृतियों का संग्रह होना बताया जाता था। यही नही योजना के तहत दर्शकों के लिए ग्रीनपार्क में एक ऐसी दीर्घा जिसमें प्रवेश पाकर दर्शक या फिर पर्यटक इस मैदान का नजारा पूरी तरह से कर सके। लेकिन हुआ इसके बिल्कुल ही विपरीत लगभग 27 करोड की लागत से बनाए गए डायरेक्टर्स पैवेलियन का उपयोग दूसरे उददेश्य के लिए कर दिया गया। ग्रीन पार्क स्टेडियम में विजिटर गैलरी का निर्माण वैसे तो स्मार्ट सिटी योजना के तहत नही नहीं किया जाना था । भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुरेश रैना ने यहां के निवर्तमान मंडलायुक्त डॉ राजशेखर के सामने प्रस्ताव रखा था। साल 2020 के अन्त में मंडलायुक्त डॉ राजशेखर ने सुरेश रैना को ग्रीनपार्क में एक सुन्दर विजिटर गैलरी बनवाने का आश्वासन दे दिया था।स्मार्ट सिटी योजना के तहत 4:30 करोड़ के प्रोजेक्ट पास करा कर उसके निर्माण प्रक्रिया को खेल निदेशालय के माध्यम से शुरू करवा दिया था। डायरेक्टर्स पैवेलियन में लगभग कई वीआईपी और वीवीआइपी कमरों का निर्माण साल 2013 में करवाया गया था जिसके बाद साल 2015 में यूपीसीए ने उस पर प्लेयर्स पैवेलियन बनवा दिया जिसके चलते लगभग निदेशालय की 350 से अधिक सीटों को हटवा दिया गया। यह वह दीर्घा थी जिस पर निदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को विशेष प्रकार का आरक्षण प्राप्त हुआ करता था जिसको अब खत्म कर दिया गया है। उसके स्थान पर एक रेस्टोरेंट्स, एक कैफे, एक थिएटर का निर्माण कर एक निजी कंपनी के हाथों सौंप दिया गया है। जिससे उस पैवेलियन की लगभग 350 से अधिक सीटों के साथ ही वीआईपी और अन्य वीवीआईपी कमरों
की दर्शक दीर्घा भी कम हो गई है। अब वहां पर उस दीर्घा को केवल कमाई का जरिया बना दिया गया है। खेल निदेशक के मुताबिक इस दीर्घा में विजिटर गैलरी के लिए प्रस्ताव पास किया गया है लेकिन उससे कमाई भी होगी इसके लिए एक बार फिर से इसके प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *