July 27, 2024

संवाददाता।
कानपुर।
श्रीनगर में आतंकी हमले में शहीद हुए करण सिंह यादव का पार्थिव शरीर 4 दिन बाद भी चौबेपुर स्थित भाऊपुर उनके घर नहीं पहुंच सका है। इससे परिजनों के सब्र का बांध भी टूटता जा रहा है। रविवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा ग्रामीण से जिलाध्यक्ष मुनींद्र नाथ शुक्ला के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल शहीद के घर पहुंचा। नेतृत्व में शामिल सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने पुलिस और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शहीद का शव घर नहीं आया तो सोमवार को शहीद के चित्र के साथ उनकी शव यात्रा सम्मान के साथ निकाली जाएगी। कैंट से सपा विधायक मो. हसन रूमी ने सेना के ब्रिग्रेडियर से फोन पर बातचीत करने के बाद बताया कि आश्वासन मिला है कि आज रात या सुबह तक शव घर भिजवाया जाएगा। विधायक ने बताया कि शहीद के पिता बालक राम का कहना है कि शहीद बेटे के शरीर का अगर एक इंच भी बचा है तो उसे ही घर भिजवाया जाए। उसका अंतिम संस्कार यहीं पर किया जाएगा। तभी मुझे भी शांति मिलेगी। मेरा बेटा तो चला ही गया है, कम से कम उसके शरीर का अंतिम संस्कार तो करने का मौका मिलना चाहिए। नेतृत्व में शामिल सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने पुलिस और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शहीद का शव घर नहीं आया तो सोमवार को शहीद के चित्र के साथ उनकी शव यात्रा सम्मान के साथ निकाली जाएगी। कैंट से सपा विधायक मो. हसन रूमी ने सेना के ब्रिग्रेडियर से फोन पर बातचीत करने के बाद बताया कि आश्वासन मिला है कि आज रात या सुबह तक शव घर भिजवाया जाएगा। विधायक ने बताया कि शहीद के पिता बालक राम का कहना है कि शहीद बेटे के शरीर का अगर एक इंच भी बचा है तो उसे ही घर भिजवाया जाए। उसका अंतिम संस्कार यहीं पर किया जाएगा। तभी मुझे भी शांति मिलेगी। मेरा बेटा तो चला ही गया है, कम से कम उसके शरीर का अंतिम संस्कार तो करने का मौका मिलना चाहिए। शहीद का शव घर न आने की सूचना के बाद ग्रामीणों ने गुस्से में नेशनल हाईवे को ही जाम कर दिया था। हाथ में तिरंगा लेकर कई घंटों तक हाईवे जाम रखा। उनकी मांग थी कि शहीद का शव उनके घर भेजा जाए। ग्रामीणों में इसलिए भी गुस्सा है कि उन्हें सही-सही जानकारी नहीं दी जा रही है। शनिवार सुबह सेना की एक टुकड़ी शहीद के शव की शिनाख्त के लिए शहीद की पत्नी, बच्चे व भाई को अपने साथ लेकर जम्मू के लिए रवाना हो गई थी। इसके बाद भी वृद्ध माता-पिता के साथ-साथ बेहाल परिजन व ग्रामीण अपने शहीद लाल के अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर गांव पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। 

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