संवाददाता। कानपुर। तिरुवंतपुरम में चल रहे शुगर टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वार्षिक सम्मेलन में गुरुवार को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर के निदेशक और वैज्ञानिकों को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया गया है। खाद एवं सार्वजनिक वितरण भारत सरकार के सचिव संजीव चोपड़ा द्वारा वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया। एनएसआई के निदेशक नरेंद्र मोहन व शालिनी कुमारी ने बॉयलर की राख से ‘सिलिका नैनो कणों’ को सफलतापूर्वक विकसित करने का काम किया है। यह खोज करीब एक साल से अधिक समय तक चली। इसकी उपलब्धि के बाद एनएसआई का नाम पूरे प्रदेश में छा गया। इस पर दोनों लोगों को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया गया। वहीं, प्रो. नरेंद्र मोहन, महेंद्र यादव, अमरेश प्रताप सिंह को ऊर्जा खपत पैटर्न में बदलाव लाने वाली ‘मैकेनिकल वेपर रिकम्प्रेशन’ की तकनीकी को विकसित करने पर भी स्वर्ण पदक दिया गया। नैनो सिलिका का उपयोग टूथपेस्ट, सीमेंट, सिंथेटिक रबर अन्य खाद्य उत्पादों में एक गाढ़ा या सुगंध और स्वाद के वाहक के रूप में किया जाता है। यह खाद्य पदार्थों में पड़ने के बाद किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं करता है, बल्कि स्वाद को बढ़ा देता है। निदेशक नरेंद्र मोहन के नेतृत्व में अशोक गर्ग व अनुराग वर्मा की टीम ने स्टीम के उपयोग के बिना जूस कंसंट्रेशन के लिए नई तकनीकी को विकसित किया है। इसका सफल परीक्षण किए जाने पर संस्थान को रजत पदक से भी सम्मानित किया गया है। नरेंद्र मोहन ने कहा कि इस तरह के सम्मान से निश्चित ही रूप से हम लोगों का मनोबल बहुत बढ़ेगा। संस्थान भविष्य में कई अन्य नवीन प्रौद्योगिकियों को सबके समझ प्रस्तुत करने की कोशिश करेगी।