राष्ट्रीय दायित्वों का निर्वाह बखूबी कर रहा श्रम विभाग।
श्रमिक हो खुशहाल तो राष्ट्र बने बलवान।
श्रम से लिखी इबारत कभी मिटती नही, है वो हस्ती श्रमिक की जो कभी घटती नही।
कानपुर। राष्ट्र निर्माण में सदैव दो व्यक्तियों का योगदान सर्वोपरि रहा है, एक किसान दूसरा श्रमिक इनके बिना राष्ट्र के मूलभूत ढांचे का रख रखाव और विकास की कल्पना मिथ्या है। किसान ही है जो सारे समाज को भोजन के रूप में ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे आम जनमानस राष्ट्रहित से लेकर समाजहित में अपना योगदान प्रदान कर पाता है वहीं श्रमिक का योगदान इतना बृहद है जिसके बिना हर क्षेत्र अधूरा है। किसी भी कार्य की कल्पना श्रमिकों के बिना अधूरी है। यह कहना है श्रम विभाग प्रदेश मुख्यालय के आयुक्त मार्कण्डेय शाही जी का । शाही जी कहते है कि “उनकी गैर मौजूदगी में मंजिल हमेशा दूर है, जो आपके ख्वाबों को पूरा करता वो मजदूर है ” वो बताते है कि बचपन से ही मेरे आसपास के वातावरण में मैने श्रमिकों को अथाह मेहनत करने के बाद भी उनकी बदहाली देखी बचपन से ही हृदय में एक टीस उठती थी कि कभी सक्षम हुआ तो उनके उत्थान के लिए अवश्य अपना योगदान दूंगा। वैसे देखा जाये तो कार्य करने वाला हर व्यक्ति मजदूर है लेकिन वो तबका जो जमीनी स्तर के श्रम से जुड़ा हुआ है, उनके हालात हमेशा विचारणीय ही रहे है। शायद इस विषय पर मेरी सोच के चलते ही ईश्वर ने मुझे ये अवसर प्रदान किया कि मुझे श्रम विभाग की जिम्मेदारी मिली। सच मे विभाग का प्रभार मिलते ही न जाने क्यों मन प्रफुल्लित हो उठा था की लगता है वर्षों की वो अभिलाषा अब पूर्ण हो सकती है जिसमे श्रमिकों के दैनिक जीवन के उत्थान के लिए कुछ कर सकता हूँ। बस इसी सोच के रहते प्रभार लेने के बाद श्रमिकों के हितार्थ लक्ष्य को दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ पूर्ण करने के लिए धरातलीय स्तर पर उतर कर सक्रिय हो गया और अपनी क्षमता से बढ़कर करने का प्रयास किया। जिसमें किये गये कार्यों का विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में श्रम विभाग ने बाल श्रमिकों को मुक्त करने और श्रमिकों के हित में कई कार्यवाही की हैं। पिछले कुछ दिनों में, हजारों बाल श्रमिकों को मुक्त किया गया है, और उन्हें शिक्षा एवं पूनर्वास की सुविधा प्रदान की गई है।
श्रम विभाग ने श्रमिकों के हित में कई कार्यवाही की है, जिनमें शिक्षा एवं पूनर्वास योजना के तहत 3 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है । 50040 बाल श्रमिकों को शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ा गया है, और 12266 श्रमिक परिवारों को सामाजिक सुरक्षा योजना से जोड़ा गया है।
इसके अलावा, श्रम विभाग ने 194 बंधुआ मजदूरों को मुक्त किया है और उन्हें पूनर्वास के लिए 2.05 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। 1197 ग्राम पंचायतों और शहरी वार्डों में से 623 को बाल श्रम से मुक्त कराया गया है और उन स्थानों को बाल श्रम के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
श्रम विभाग ने औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत 101 गंभीर एवं जटिल विवादों का निस्तारण किया गया है, 18 अति जटिल स्थानांतरण आवेदनों का निस्तारण किया गया है, और श्रम विभाग से संबंधित पंजीकरण और उपकर जमा करने की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
इसके अतिरिक्त, श्रम विभाग ने 7712 कारखानों, दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में से 4877 का निरीक्षण करने की अनुमति दी गई, जिसमें से 3856 व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जाँच की गई, जिनमें से 3852 मामलों में अनुवर्ती कार्यवाही की गई। 1892 अपंजीकृत कारखानों के निरीक्षण के लिए उन्हें पंजीकृत करने की अनुमति दी गई। 22894 मामलों में से कुल 8498 मामलों का निपटान किया गया। 3291 कारखानों के पंजीकरण के लिए नए आवेदनों का निपटारा किया गया। वित्त वर्ष 2023-24 में 86.82 लाख रुपये पंजीकरण शुल्क के रूप में एकत्र किए गए।
कारखाना अधिनियम के तहत सेवाओं जैसे सूची का निर्माण, एस एम एस के माध्यम से निरीक्षण की पूर्व सूचना, निरीक्षण अधिकारियों के जीपीएस स्थान का ऑटो कैप्चर, निरीक्षण का फोटो और वीडियो अपलोडिंग, 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट जमा करना अधिभोगी को रिपोर्ट का संचार और उसके बाद अनुपालन, शुल्क जमा करना आदि ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया। कारखानों में 14 शर्तों के तहत नाइट शिफ्ट के दौरान महिला रोजगार की अनुमति दी गई है। उत्तर प्रदेश कारखाना नियम 1950 के नियम 109 में संशोधन कर चार खतरनाक कार्यों में महिलाओं को रोजगार की अनुमति दी गई।
पिछले कुछ दिनों में, श्रम विभाग ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। श्रमिकों के हित में कई अन्य कार्यवाही भी की है, जिनमें:
– 44091 नई दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान पंजीकृत हुए और 34.96 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ।
– संविदा श्रम (आर एंड ए) अधिनियम 1970 के तहत 1780 आवेदन स्वीकृत हुए , प्रधान नियोक्ता के पंजीकरण के लिए 2222200 रुपए राजस्व प्राप्त हुआ।
– ठेका श्रम (आर एंड ए) अधिनियम 1970 के अंतर्गत 1208 आवेदन स्वीकृत किये गए, ठेका लाइसेंस के लिए 434670 रुपए राजस्व प्राप्त हुआ।
– 326 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए और श्रमिकों को बोनस का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए 133 अभियोजन शुरू किए गए।
– ट्रेड यूनियनों के पंजीकरण और 14 नए ट्रेड यूनियनों के पंजीकरण होने के लिए विकसित एक ऑनलाइन साफ्टवेयर बनाया गया ।
– वर्ष के दौरान 228 पंजीकृत बॉयलर और 2578 बायलरों का निरीक्षण किया गया।
– श्रम आयुक्त कार्यालय में ई ऑफिस प्रणाली क्रियाशील की गई।
– ई कोर्ट ऑनलाइन साफ्टवेयर का विकास शुरू किया गया।
– इजराइल में रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए 9000 मजदूरों को समन्वित किया गया, जिससे प्रति माह लगभग 90 करोड़ रुपए और प्रतिवर्ष 1080 करोड़ विदेशी मुद्रा प्राप्त होने की उम्मीद है।
– न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1958 के तहत कारखाना एवं दुकान श्रमिकों के लिए वर्ष के अक्टूबर एवं अप्रैल माह में परिवर्ती महंगाई भत्ता परिपत्र जारी किया गया है।
– निवेश मित्र पोर्टल पर श्रम विभाग की 37 सेवाएं उपलब्ध हैं। 07 अधिनियमों के तहत पंजीकरण, लाइसेंस नवीनीकरण, अनुमोदन से संबंधित 21 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
– श्रम विभाग ने कई श्रम कानूनों के तहत कारावास को कम करने और इसे शमनीय बनाकर कम करने की कोशिश की है। दुकान और स्थापना अधिनियम 1962 के तहत कर्मचारियों के बिना दुकान को पंजीकरण और नवीनीकरण से छूट दी गई है।
– ठेका श्रम अधिनियम, बी ओ डब्यू अधिनियम, मोटर परिवहन श्रमिक अधिनियम, अंतरराज्यीय प्रवासी श्रमिक, बीड़ी और सिगार अधिनियम, ट्रेड यूनियन अधिनियम आदि के तहत एक दिन में पंजीकरण और लाइसेंसिंग सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई हैं।
– रजिस्टरो की संख्या घटाकर 05 कर दी गई है। कपड़ा और वस्त्र उद्योग में निश्चित अवधि के रोजगार का प्रावधान किया गया था।
– श्रमिकों से प्राप्त शिकायतों के समयबद्ध एवं गुणात्मक निस्तारण के लिए श्रमायुक्त कार्यालय के अंतर्गत कॉल सेंटर की स्थापना की गई है।
– श्रम कल्याण परिषद के तहत कारखाना और दुकान श्रमिकों के लिए 8 योजनाएं संचालित की गई है। वर्ष के दौरान 8 योजनाओं के तहत एन ई एफ टी विधि द्वारा 257 लाभार्थियों के खातों में 8779800 रुपए वितरित किए गए है।
– यू पी एस एस बी के तहत ई श्रम पोर्टल पर कुल 8.34 करोड़ असंगठित श्रमिक पंजीकृत है। पीएमएसवाईएम योजना के तहत राज्य में कुल 6.78 लाख पंजीकरण किए गए है, जो देश में दूसरे स्थान पर है।
– एन पी एस व्यापारी योजना के तहत प्रदेश में कुल 13053 पंजीकरण हुए है, जो देश में पहले स्थान पर है। दुर्घटना अनुग्रह योजना के तहत सभी जिलों से 260 क्लेम ई श्रम पोर्टल पर अपलोड किए गए।
इन कार्यवाहियों से श्रमिकों के जीवन में सुधार होगा और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सकेगा।