
संवाददाता।
कानपुर। नगर के बिल्हौर में पिता को मुखाग्नि देने से पहले बेटे की डूब कर मौत हो गई। सोमवार को पिता की बीमारी से मौत हो गई थी। उसके दो बेटे और एक चचेरा भाई अन्य लोगों के साथ अंतिम संस्कार करने के लिए गंगाघाट पहुंचे। यहां से सिर मुंडवाने के बाद वे लोग गंगा नहाने गए। गहराई में पैर जाने से तीनों डूबने लगे। उनकी चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर ग्रामीण दौड़कर आए। दो लोगों को बचा लिया गया , लेकिन एक बेटे की डूब कर मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी अखिलेश कुमार पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। इसके बाद गोताखोरों ने डूबे युवक की तलाश शुरू की। लेकिन, दो घंटे बाद भी उसका कहीं पता नहीं चल सका। ककवन के मुन्नौवर गांव में रहने वाले किसान सतीश सिंह (65 वर्ष) की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई। सोमवार सुबह करीब 11 बजे शव को लेकर परिजन, सगे संबंधी और ग्रामीण आंकिन गांव के गंगातट पर पहुंचे। यहां दाह संस्कार की तैयारी चल रही थी। इसके लिए पहले सिर मुंडवाने की रस्म हुई। फिर चिता लगाई गई। इसके बाद मुखाग्नि देने से पहले मृतक सतीश सिंह के दोनों बेटे विनय सिंह (30 वर्ष), विजय सिंह (33 वर्ष) और उनका चचेरा भाई अंशुमान सिंह (30 वर्ष) गंगा में स्नान करने के लिए उतर गए। तभी गहराई में पैर जाने से तीनों लोग गंगा नदी में डूबने लगे। बचाओ-बचाओ की आवाज सुनकर ग्रामीण आए। तीनों को पकड़ने का प्रयास किया। इसमें विजय और अंशुमान सिंह को ग्रामीणों ने बाहर निकाल लिया। लेकिन, विनय को नहीं बचा सके। विनय को ही पिता को मुखाग्नि देनी थी। विनय की शादी 2 साल पहले ही एकता के साथ हुई थी। उनकी दो महीने की एक बेटी है। जैसे ही एकता को पति की मौत का पता चला, वह भाग कर घाट पर आने लगी। लेकिन लोगों ने किसी तरह उसको रोका। वह रो-रोकर यही कह रही थी कि मुझे एक बार पति का चेहरा दिखा दो।