May 19, 2025

कानपुर। महिलाओं को स्वावलम्बी बनने के लिए हर सम्भव प्रयास करना चाहिए, उन्हे हर क्षेत्र में आगे आकर समाज के लिए उत्था्न करने वाले सभी कार्यक्रमों में भागेदारी भी सुनिश्चित करनी चाहिए तभी वह सब की बराबरी कर सकेंगी। ये उदभव सोमवार को अपरश्रमायुक्त सौम्या पाण्डे ने राखी मेले के उदघाटन अवसर पर सबको सम्बोधित करते हुए अपने विचारों को प्रकट किया।  शहर के रॉयल मंदाकिनी होटल में आयोजित मणिक्यम इवेंट्स राखी मेले के उदघाटन अवसर पर उन्होंने कहा कि हाथ से राखियों का निर्माण कर उन्हे बाजार में उपलब्ध करवाना सबसे बडा योगदान है। मुख्य अतिथि सौम्या पांडे जी ने राखी मेले का फीता काटकर और दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। उनहोंने सभी स्टॉल से खरीददारी की। और सभी स्टॉल की प्रशंसा की, वहीं आज डॉ० वीरेन्द्र स्वरूप पब्लिक स्कूल कैंट में बास्केटबॉल की दो दिवसीय प्रतियोगिता प्रारम्भ हुई। इसमें उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के 12 जोन की 36 टीमें अन्तर चौदह वर्ष, अन्तर सत्रह वर्ष, अन्तर उन्नीस वर्ष वर्ग के अन्दर लगभग 500 छात्रायें भाग ले रही है। प्रतियोगिता का उदघाटन मुख्य अतिथि सौम्या पाण्डेय अपर श्रमआयुक्त, कानपुर नगर ने कांउसिल फॉर इण्डिन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेश के झण्डे का अनावरण करके किया। इसके बाद उन्होंने जैसे ही रिमोट का बटन दबाया बास्की अपनी छुपी हुई जगह से बाहर आया। सभी बच्चों ने जोरदार तालियों से उसका स्वागत किया।

सौम्या पाण्डेय ने बच्चों को अपने बचपन को याद करते हुए अपने बास्केटबॉल के प्रति जुड़ाव की चर्चा की। साथ ही बच्चों से सीधे संवाद किए। साथ ही भारतीय उद्योग परिसंघ के यंग इंडियंस के कानपुर चैप्टर ने  एमराल्ड गार्डन, कानपुर में एक जीवंत ग्रामीण मेले का आयोजन किया। सिलाई, मिट्टी के बर्तन बनाना, राखी बनाना, और पारंपरिक मोती का सामान तैयार करना अपने उत्पाद बनाने और बाजार में बेचने के लिए कौशल और आत्मविश्वास प्रदान करना महिलाओं के लिए बडी उपलब्धि होती है- ये कहना है अपर श्रमायुक्त  सौम्या पान्डेय का। यंग इंडियंस कानपुर चैप्टर की ओर से आयोजित ग्रामीण मेले में उन्होंने कहा कि इन महिलाओं की मेहनत और प्रतिभा ने सब कुछ जीवन्त कर दिया जिससे उनको जीवन में सफलता मिल सकी है। सौम्या पांडे ने ग्रामीण मेले के आयोजन से महिलाओं के सशक्तिकरण में उनके योगदान की सराहना भी की। इन समर्पित महिलाओं ने सिलाई, मिट्टी के बर्तन बनाना, राखी बनाना, और पारंपरिक मोती का सामान तैयार करने में मूल्यवान कौशल प्राप्त किया है। मेले में इनके काम की गुणवत्ता और शिल्प कौशल को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया, ग्रामीण मेला न केवल इन महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाता है, बल्कि उन्हें अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने का एक मंच भी प्रदान करता है, जिससे आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलता है। यह पहल ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के प्रति यंग इंडियंस की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

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