May 19, 2025

कानपुर। दिल्ली के पुराने राजेन्द्र नगर में कोचिंग हादसे के बाद अब शहर के प्रशासन ने भी अब यहां के कोचिंग संस्थान, लाइब्रेरी संचालकों पर अपनी नजर टेढी कर ली है। काकादेव में चल रहे हजारों संस्थानों में आपदा से बचने का के संसाधन को तलाशने के लिए केडीए ने 5 टीमों का गठन किया है। ये टीमें नगर की बेसमेन्ट और पार्किंग में चल रही कोचिंगों की जांच कर केडीए वीसी को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। माना यह जा रहा है कि यहां पर भी कोचिंग संस्थानों में अचानक आपदा आने के लिए किसी भी प्रकार की तैयारी नही कर रखी है। केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल के आदेश पर प्रवर्तन दस्ते ने काकादेव की कोचिंग मण्डीे में खास तौर पर बेसमेंट का निरीक्षण किया तो पाया कि यहां पर कोचिंग चल रही है। नवीन नगर काकादेव में इंटरनेट कैफे बेसमेंट में चलते पाया था। यहां एक दर्जन इमारतों में बने बेसमेंट की जांच की। नर्सिंग होम के बेसमेंट में मरीजों को देखने और अन्य कमरे बने हुए थे। सभी बेसमेंट में पार्किंग व स्टोर की जगह आफिस, कोचिंग मंडी, नर्सिंग होम का कार्य, दुकानें मिली। इसके अलावा अन्य जोनों में बने बेसमेंट की जांच की गई। नोटिस दी जाएगी। सही जवाब नहीं मिले पर सील की कार्रवाई की जाएगी। शहर में करीब 25 हजार से अधिक छोटे-बड़े कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं, जबकि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में सिर्फ 239 केंद्र ही पंजीकृत हैं। इसमें अधिकांश बड़े संस्थान हैं, जिसमें आपदा से बचने या अन्य सुविधाओं के नाम पर काफी मानक पूरे हैं। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से प्रवेश व निकासी के अलग-अलग द्वार, शौचालय, क्षमता के अनुसार कक्षाएं, सुरक्षा के सभी मानकों को ध्यान में रख कोचिंग संस्थानों को मान्यताएं दी जाती हैं। मामले में केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गब्र्याल ने बेसमेंट की जांच के लिए 5 टीमों का गठन किया है। टीमों में जोनल अधिकारी, सहायक अभियंता और अवर अभियंता को शामिल किया गया है। उपाध्यक्ष के मुताबिक टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि बेसमेंट पार्किंग के स्थान पर कोचिंग संचालक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इसके अलावा टीमों को मानचित्र स्वीकृति के बिना बेसमेंट बनाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही मानसून के दौरान बेसमेंट की खोदाई की जांच भी की जाएगी। ताकि मानसून में किसी भी प्रकार की जनहानि न हो। बेसमेंट खोदाई से पहले मानचित्र स्वीकृति अनिवार्य है।

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