कानपुर। भारत कृषि प्रधान देश है और कृषि का जीडीपी में अहम योगदान है। इसको देखते हुए केन्द्र सरकार ने जो बजट पेश किया है उसमें कृषि की तरक्की के लिए कई योजनाएं हैं। ऐसे में जहां कृषि के क्षेत्र में जहां शोध कार्य बढ़ेगे तो वहीं किसानों को भी योजनाओं के जरिये लाभ मिल सकेगा। यह बातें मंगलवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने कही। उन्होंने कहा कि इस बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस फंड से कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से किसानों के लिए कई योजनाएं निकली हैं। खेती की उत्पादकता बढ़ाने के उपाय किए जाएंगे। ज्यादा पैदावार वाली फसल किस्मों का इस्तेमाल होगा। शोध को बढ़ावा दिया जाएगा। प्राकृतिक खेती पर सरकार का जोर रहेगा। फसलों के उत्पादन, भंडारण और विपणन की व्यवस्था की जाएगी। शिक्षा और स्किलिंग के लिए 1.48 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। सब्जी उत्पादन और आपूर्ति शृंखला के लिए कलस्टर बनाए जाएंगे। झींगा उत्पादन और रिसर्च पर काम होगा। दालों और तिलहन के लिए मिशन मोड पर काम होगा। 400 जिलों में फसलों का सर्वे किया जाएगा। 32 फसलों की 109 नई किस्में आएंगी। बुनियादी ढांचे और विनिर्माण क्षेत्र पर बजट में फोकस रहेगा। वहीं मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए बजट पर कानपुर के चार्टर्ड अकाउंटेंट और उद्यमियों ने इसे बेहद निराशाजनक बताया। एक्सपर्ट्स ने बताया कि इस बजट में टैक्स में कोई बड़ी राहत नहीं मिली है। किसान, युवाओं, महिलाओं के लिए कई घोषणाएं की गई हैं, लेकिन उनका लाभ लोगों को डायरेक्ट रूप में मिले, तो कुछ राहत मिल सकती है। लोगों का मानना है कि 25 हजार स्टैंडर्ड डिडेक्शन बढ़ाने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने वालों पर भी टैक्स बढ़ा दिया है। इसका रुझान बेहद निगेटिव जाने वाला है।सीए मुकुल टंडन ने बताया कि मुद्रा लोन में 10 लाख से लिमिट बढ़ाकर 20 लाख की गई है। इससे उनमें उत्साह तो बढ़ेगा। इस बजट से करों में राहत को लेकर मध्यम वर्गीय उम्मीद लगाए बैठा था। बायबैक टैक्स पर भी टैक्स बढ़ा दिया गया है। इंडस्ट्रीज में फोकस सिर्फ पर ही रखा है। न्यू टैक्स रिजिम में टैक्सपेयर्स को राहत मिली है। लेकिन इसे कोई बड़ी राहत नहीं कही जाएगी। युवाओं और महिलाओं के लिए भी कुछ खास नहीं मिला। सीए स्वर्ण सिंह ने बताया कि कुछ अच्छी और कुछ निराशाजनक हैं। युवाओं को स्किल्ड करने में ये बजट अच्छा है। शेयर खरीदने और बेचने में भी टैक्स लगा दिया गया है। शॉर्ट टर्म में 20% और लॉन्ग टर्म में 10% से 12% टैक्स बढ़ा दिया है। इससे लोगों पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा। आम आदमी को टैक्स में सिर्फ 17500 रुपए की राहत मिलेगी। ये बात अलग है कि नए स्लैब में कुछ टैक्स कम किए गए हैं जिससे आम आदमी को थोडा फायदा अवश्य मिल सकता है।