January 22, 2025

कानपुर। ग्रीनपार्क में भारत और बांग्लादेश के बीच 27 सितम्बर से आयोजित होने वाले टेस्ट मैच की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, उनको देखते हुए प्रदेश क्रिकेट संघ भी तैयारियों को लेकर संजीदा हो गया है। सी बालकनी समेत अन्य दीर्घाओं के जीर्णोद्धार के लिए धनराशि की स्वीकृति न मिलते देख अब उसकी नजर एक बार फिर से दर्शक क्षमता पर आकर टिक गयी है। हालांकि पूर्व में खेल विभाग और यूपीसीए के बीच कुछ इस प्रकार का समझौता किया गया था कि यूपीसीए ही निर्माण की लागत का आधा खर्च वहन करेगा, लेकिन कुछ कारणों से उसने अपने कदम वापस खींच लिए। जिससे स्टे डियम में नवनिर्माण का कोई भी कार्य नही किया गया। मौजूदा हालात को देखते हुए यूपीसीए केवल घरेलू मैचों की तैयारियों तक ही सीमित रह जाता हे। अब दर्शक क्षमता को बढाने के साथ ही बाकी बचे कामों को समय से पूरा कराने पर जोर देने में यूपीसीए लग गया है।ग्रीनपार्क स्टेडियम में 27 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच होने वाले टेस्ट मुकाबले को लेकर काम शुरू हो गया है। यहां पर उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन इस मैच को यादगार बनाने के लिए हर पहलुओं पर काम कर रही हैं। वहीं, स्टेडियम में मरम्मत का काम भी तेजी से शुरू हो गया है, लेकिन स्टेडियम की दर्शक क्षमता बढ़ाना एसोसिएशन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गयी है।प्रमुख सचिव खेल आलोक कुमार ने ग्रीनपार्क का निरीक्षण करते हुए कहा था कि स्टेडियम की दर्शक क्षमता को बढ़ाने पर एसोसिएशन को विचार करना चाहिए। इसके बाद लखनऊ में हुई बैठक में भी उन्होंने इस पर चिंता जाहिर की थी। इसके बाद कानपुर मंडल के कमिश्नर के आदेश पर लोक निर्माण विभाग ने स्टेडियम की निरीक्षण किया था। इसमें सी बालकनी सबसे जर्जर पाई गई थी। इसमें सबसे ज्यादा दर्शक क्षमता लगभग 5 हजार लोगों की बैठने की व्यवस्था थी। इसके बाद से यूपीसीए के लिए दर्शक क्षमता बढ़ाना और मुश्किल हो गया है।

इतनी जल्दी बालकनी तो नहीं बन सकती है। इसके लिए अस्थाई जुगाड़ ढूंढा जा रहा है। एसोसिएशन के आलाधिकारियों का कहना है कि अन्य जो बालकनी में उसमें हम लोग सीटिंग प्लान कर उसमें दर्शक क्षमता बढ़ाएंगे। इसके अलावा और भी जहां पर सीटें लगने की गुंजाइस होगी वहां पर सीटें लगाई जाएंगी। इसके लिए इंजीनियरों की एक टीम ने पूरे स्टेडियम का निरीक्षण भी किया है। लंबे समय रंग-रोगन के तरस रहे ग्रीनपार्क स्टेडियम के दिन अब बहूरते नजर आ रहे है। पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों की माने तो काफी समय से मेंटेनेंस न होने के कारण यहां की स्थिति जर्जर हो चुकी है। मैच आते ही क्रिकेट एसोसिएशन को भी मेंटेनेंस की याद आ गई। मैच आने के बहाने ही सही लेकिन इन दिनों स्टेडियम में तेजी के साथ बिल्डिंग की मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। यदि समय-समय पर मेंटीनेंस किया गया होता तो शायद मैच के समय इतनी मेहनत स्टेडियम को संवारने के लिए यूपीसीए को न करनी पड़ती।

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