कानपुर। प्रशिक्षु चिकित्संकों के मासिक वेतनमान में बढोत्तरी को लेकर जारी हडताल के दूसरे दिन 250 से अधिक प्रशिक्षुओं का दल सडक पर आ गया। मेडिकल कॉलेज के 2019 बैच के प्रशिक्षु चिकित्सकों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। चिकित्सकों ने जीएसवीएस मेडिकल कॉलेज, कानपुर के गेट पर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। ‘नौकरी नहीं मजबूरी है ये हड़ताल जरूरी है’, अबकी बार 30 हजार, ‘एमबीबीएम प्रशिक्षु है, बंधुआ मजबूर नहीं’ जैसे तमाम नारे भी लगाए। डॉ. रुचि सिंह ने बहा कि हम लोगों का वेतन 12 हजार रुपए है। अन्य प्रदेशों में इंटर्न डॉक्टरों का वेतन 25 से 30 हजार रुपए होता है। हमारा वेतन एक मजदूर से भी कम है। इसके बाद भी सरकार हमारे लिए कुछ नहीं सोच रही है। हमारा भी मासिक वेतन जब तक 30 हजार रुपए तक नहीं हो जाता है, तब तक हड़ताल जारी रखेंगे। डॉ. अभय राज सिंह ने कहा कि हम लोग 5 साल की पढ़ाई करने के बाद एमबीबीएस बने है। उसके बाद 12 हजार रुपए सैलरी मिलते है। पूरे प्रदेश में 2500 प्रशिक्षु है। वहीं, कानपुर मेडिकल कॉलेज में 250 है। प्रशिक्षु चिकित्सकों ने मेडिकल कॉलेज परिसर में धूम-धूमकर प्रदर्शन किया था। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री को संबोधित ज्ञापन प्राचार्य डॉ. संजय काला को सौंपा। चिकित्सकों ने कहा कि चिकित्सा सेवा में हमारे द्वारा दिए गए योगदान के अनुपात में ये वेतन बहुत कम है। इंटर्न चिकित्सकों की यह मांग है की उनकी मासिक देय राशि में बढ़ोत्तरी करके इसे 30 हजार रुपए तक किया जाए, जिससे वे चिकित्सा सेवा में अपना भरपूर सहयोग दे पाए और इसे अव्वल स्तर पर ले जाने में अहम योगदान दे पाए।प्रशिक्षु चिकित्सकों ने कहा कि अपने इस मुद्दे को सरकार तक पहुंचाने के लिए कई संभव प्रयास कर चुके हैं, परंतु उत्तर प्रदेश सरकार व शिक्षा एवं चिकित्सा मंत्रालय द्वारा इस विषय को अनदेखा करते हुए कोई भी टिप्पणी नहीं की गई हैं और ना ही कोई कदम उठाए गए।असफलताओं के बाद प्रदेश के सभी प्रशिक्षु चिकित्सकों ने यह निर्णय लिया है कि जबतक उत्तर प्रदेश सरकार एवं शिक्षा व चिकित्सा मंत्रालय द्वारा प्रशिक्षु चिकित्सकों के मासिक देय में वृद्धि करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाएगा तब तक प्रदेश के सभी प्रशिक्षु चिकित्सक हड़ताल पर रहेंगे।प्रदर्शन करने वालों में डॉ. अभय राज सिंह, डॉ. दिव्यांशी मिश्रा, डॉ. रुचि सिंह, डॉ. गजेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. सौरभ नायक, डॉ. अमिताभ पाण्डेय, डॉ. मनीष कुमार गुप्ता, डॉ. अनुभव राय, डॉ. आयुष पांडेय, डॉ. अंश दिवाकर, डॉ. मोहम्मद रेयान आदि लोग मौजूद रहे।