कानपुर। गंगा में गंदगी फैलाने पर रोक लगाने के बावजूद उसमें कचरा बहाने के लिए जल निगम ने कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्रा. लि. पर 1 करोड़ का और जुर्माना ठोंक दिया है। जाजमऊ के प्लांट से गंगा में और बिनगवां प्लांट से पांडु में गंदगी गिराने पर यह कार्यवाई की गयी है। एनजीटी के निर्देश के बाद से हालांकि जाजमऊ प्लांट से फिलहाल गंदगी गिरनी बंद हो गईं हैं मगर, बिनगवां ट्रीटमेंट प्लांट से अब भी गंदगी गंगा में लगातार गिरायी जा रही है। वहीं जल निगम ने यह भी कह दिया है कि जब तक गंदगी गिरती रहेगी तब तक प्रतिदिन के हिसाब से अलग से जुर्माना वसूल किया जाएगा। इससे पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हफ्ते भर पहले इसी कंपनी पर बिनगवां प्लांट से गंदगी गिराने पर जुर्माना लगाया था। हकीकत यह है कि शहर में सीवेज का रखरखाव करने वाली केआरएमपीएल पर वर्ष 2021 से अब तक 7.70 करोड़ का जुर्माना लगाया जा चुका है। इसमें से 6.70 करोड़ रुपये की कटौती भी हो चुकी है। 2.62 करोड़ की आरसी भी जारी हुई है जिसके खिलाफ कंपनी ने हाईकोर्ट में अपील की है। लेकिन गंगा में प्रदूषित पानी गिरने में कोई कमी नहीं आई है। जून माह में सीसामऊ नाले की गंदगी से नौ दिन तक गिरी थी। इस मामले में भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंपनी पर जुर्माना लगाया था। एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। इसकी रिपोर्ट यहां से स्टेशन मिशन फॉर क्लीन गंगा को भेज दी गई है। मामले में जल निगम परियोजना प्रबंधक मोहित चक ने बताया कि केआरएमपीएल पर जाजमऊ और बिनगवां प्लांट से गंगा और पांडु में गंदगी गिराने पर 1 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही सीवेज गिरना बंद होने तक प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा।