संवाददाता।
कानपुर। नगर मे वन विभाग के रिटायर्ड दरोगा को पेंशन की फाइल पास कराने के नाम पर अपने ही विभाग को 10 हजार रूपए घूस देनी पड़ी। हालांकि घूस लेते ही एंटी करप्शन की टीम ने भृस्टाचारी को रंगे हाथों दबोच लिया। टीम ने आरोपी को संजय वन के पास से गिरफ्तार किया था। पेंशन की फाइल आगे बढ़ाने के लिए 15 हजार में सौदा तय हुआ था। बाबू के खिलाफ किदवईनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराकर टीम आरोपी को लखनऊ ले गई। बर्रा-2 निवासी धीरेंद्र कुमार बाजपेई वानिकी प्रशिक्षण संस्थान में वन दरोगा के पद पर कार्यरत थे। वह 30 अप्रैल 2023 को सेवानिवृत्त हुए थे। धीरेंद्र ने बताया कि 13 महीने से पेंशन पाने के लिए एफटीआई दफ्तर के चक्कर काट रहे थे। ऐसे में किदवईनगर स्थित एफटीआई कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक बृजेंद्र सिंह के बार-बार पेंशन फाइल लेकर जाते थे। लेकिन वह पेंशन की फाइल पास नहीं कर रहा था। धीरेंद्र के मुताबिक 22 मई को बृजेंद्र सिंह ने अपने कार्यालय में मिलने के लिए बुलाया। जब मैं कार्यालय में मिलने गया तो फाइल पास करने के एवज में बृजेंद्र ने 20 हजार रुपये मांगे। इसके बाद सौदा 15 हजार रुपये में तय हुआ। सौदा तय होने के बाद यह बात भी हुई कि काम होने से पहले 10 हजार और काम होने का बाद बाकी के बचे 5 हजार देने पर सहमति बनी थी। धीरेंद्र ने 25 मई को एंटी करप्शन टीम से शिकायत की थी। टीम के कहने पर धीरेंद्र ने वरिष्ठ लिपिक से बातकर बुधवार सुबह सात बजे संजय वन के सामने बुलाया। सुबह जब आरोपी संजय वन पहुंचा तो धीरेंद्र ने फिलैन्थीन पाउडर लगे 500 के 20 नोट बृजेंद्र को दिए। जैसे ही आरोपी दरोगा ने पैसे पकड़े तो टीम पहुंच गई और पकड़ लिया। टीम ने बृजेंद्र का हाथ केमिकल से धुलवाया तो उसके हाथ गुलाबी हो गए। इसके बाद पुलिस ने बृजेंद्र को गिरफ्तार कर लिया।