July 27, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर में सपा के पूर्व एमएलसी दिलीप सिंह के भतीजे ने खुद की कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर लिया हैं। वारदात के बाद फोरेंसिक टीम जब मौके पर पहुंची तो दंग रह गई। टीम को मौके से जो पिस्टल मिली उस पर 9 एमएम लिखा था। भारत में 9 एमएम की पिस्टल बैन है। जांच में सामने आया कि सितंबर 2015 में इसी पिस्टल से एमएलसी के भाई सुभाष ने भी आत्महत्या करी था। अब सुभाष के बेटे ने आत्महत्या करी है। भाई के आत्महत्या कांड के बाद पड़ताल में सामने आया कि पूर्व एमएलसी के रसूख और पुलिस की लापरवाही से दोबारा आत्महत्या हुई है। मूल रूप से सिकंदरा के रहने वाले दिलीप सिंह उर्फ कल्लू यादव सपा के पूर्व एमएलसी व कद्दावर नेता हैं। दिलीप सिंह लखनपुर सेल टैक्स दफ्तर वाली रोड पर परिवार के साथ रहते हैं। दिलीप के भतीजे आलोक यादव ने कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर लिया है। घटना के बाद जांच के लिए फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। टीम ने पिस्टल और बुलेट को जांच के लिए भेजा है। अकमल खान ने बताया कि, “पेरिस की लामा कंपनी की पिस्टल से युवक ने आत्महत्या करी है। पिस्टल पर 9 एमएम लिखा हुआ है। जबकि पिस्टल 32 बोर का है। जांच के दौरान 9 एमएम के पिस्टल की बुलेट डालकर देखी गई तो पिस्टल में नहीं लगी। लाइसेंस के मुताबिक पिस्टल आल इंडिया परमिट की है। फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो सकेगा कि आखिर पिस्टल कितने बोर की है। प्राथमिक जांच में प्रतिबंधित बोर का पिस्टल नहीं मिला है। गन शॉप वालों से पड़ताल करने पर सामने आया कि बहुत सारे लोग अपनी पिस्टल पर रौब या खुद को विशेष बताने व जताने के लिए 9 एमएम लिखवा लेते हैं।” आत्महत्या कांड की जानकारी मिलने के बाद मौके पर सबसे पहले नवाबगंज थाना प्रभारी प्रमोद पांडेय फोर्स के साथ जांच करने पहुंचे। प्रमोद पांडेय ने बताया, “जांच के दौरान सामने आया कि आलोक ने कमरा बंद करके आत्महत्या करी थी। गोली चलने के बाद परिवार के लोगों ने खिड़की से झांक कर देखा तो खून से लथपथ शव पड़ा हुआ था। परिजन दरवाजा तोड़कर कमरे में पहुंचे। तो पिस्टल मृतक आलोक के हाथ में ही फंसी थी। इसके बाद परिवार के लोग सर्वोदय नगर स्थित एक निजी हॉस्पिटल में ले गए। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने आलोक को मृत घोषित कर दिया।” कल्लू यादव के भतीजे की मौत के बाद नवाबगंज थाने की पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा था। विशेष अनुमति पर रात में ही शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। इसके बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर पर दाहिने तरफ से गोली घुसी और बाएं तरफ से आर-पार हो गई। सिर पर गोली और अधिक खून बहने की वजह से मौत हुई है। कल्लू यादव का घर लखनपुर हाउसिंग सोसाइटी (डबल रोड) पर है। यहीं सुभाष भी परिवार के साथ रहते थे। सितंबर 2015 में ठीक इसी तरह सुभाष की भी मौत हुई थी। कल्लू यादव ने बताया था कि भाई अवसाद में रहते थे, इसके चलते आत्महत्या कर लिया है। लेकिन पुलिस और फोरेंसिक टीम ने जांच की तो कमरे से दो बुलेट बरामद हुईं। इससे आत्महत्या कांड पूरा संदेह के घेरे में आ गया था। एक्सपर्ट की मानें तो आत्महत्या करने वाला कभी दूसरी गोली नहीं चला सकता है। कनपटी पर मारकर सुसाइड किया तो दूसरी गोली चलाने का चांस ही नहीं बचेगा। ठीक उसी तरह इस बार भी परिवार के लोगों ने कुछ नहीं बोला या आरोप लगाया था। सपा की सरकार होने के चलते पूर्व एमएलसी के रसूख के आगे जांच की दिशा ही बदल गई। 

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