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संवाददाता।
कानपुर। नगर में मण्डलायुक्त अतुल गुप्ता के आदेश के बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और सेतु निगम द्वारा 10 निर्माणाधीन पुलों के निरीक्षण के बाद चिंताजनक रिपोर्ट सामने आई है। जिसमे मण्डलायुक्त ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी, और इससे संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई है। चौंकाने वाली बात यह है कि दो पुलों में संरचनात्मक समस्याएं पाई गईं, जिनके बीच चलने पर झटके महसूस होते हैं। इसके अलावा, दो अन्य पुलों में जल जमाव देखा गया, और उनमें से चार वित्तीय बाधाओं के कारण अधूरे हैं। मण्डलायुक्त ने पीडब्ल्यूडी और सेतु निगम के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कई पुलों की अधूरी स्थिति को उजागर करते हुए उनके निर्माण में लापरवाही पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन पुलों की अधूरी स्थिति से सार्वजनिक सुरक्षा को गंभीर खतरा है। मण्डलायुक्त के निर्देशों के जवाब में, सेतु निगम और पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में क्रमशः पांच पुलों का निरीक्षण करने के लिए 10 जिला स्तरीय अधिकारियों और 10 इंजीनियरों की एक टीम नियुक्त की गई थी। निरीक्षण का उद्देश्य इन निर्माण परियोजनाओं की गुणवत्ता और प्रगति का आकलन करना था। सभी निरीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने पर, पहचाने गए मुद्दों के समाधान के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी। जांच रिपोर्ट में उजागर किए गए प्रमुख बिंदुओं में से एक दो पुलों के निर्माण के लिए चल रही निविदा प्रक्रिया है, जिसमें देरी का सामना करना पड़ रहा है। वित्तीय बाधाओं के कारण, कई पुल निर्माण परियोजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिससे वे अधूरी रह गई हैं। निरीक्षण के निष्कर्ष कमियों को तुरंत दूर करने के आधार के रूप में काम करेंगे। सीडीओ सुधीर कुमार के मुताबिक मण्डलायुक्त के आदेश पर 10 निर्माणाधीन पुलों का व्यापक निरीक्षण किया गया। रिपोर्ट पहले ही प्रस्तुत की जा चुकी है, और इसकी सिफारिशों के आधार पर, खराब पुलों को शीघ्र पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। अधिकारी मुद्दों को हल करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि पुलों का निर्माण उच्चतम सुरक्षा मानकों का पालन करता है। समुदाय को उम्मीद है कि निरीक्षण रिपोर्ट में उठाई गई चिंताओं को दूर करने और सभी निर्माण प्रयासों में सार्वजनिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए त्वरित कार्रवाई की जाएगी।