November 21, 2024
घटना का सी सी टी वी फोटो।

कानपुर। एक चाय कैफे संचालक के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करने के मामले में काकादेव पुलिस ने विभाग की किरकिरी करा दी है। सीसीटीवी कैमरे में कैद फुटेज ने पुलिस की पोल खोल कर रख दी है। कैफे संचालक जब अफसरों के सामने सीसीटीवी लेकर पहुंचा, तब काकादेव थाना प्रभारी की करतूत सामने आई । सच्चाई सामने आने के बाद पुलिस अफसर मामले को दबाने में जुट गए हैं।विजय नगर निवासी अक्षय द्विवेदी ने 7 अगस्त को काकादेव थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई। आरोप लगाया कि 7 अगस्त को वह काकादेव कोचिंग मंडी से गुजर रहे थे। इस दौरान चाय-सुट्‌टा कैफे के सामने कई वाहन अव्यवस्थित ढंग से खड़े थे। उन्होंने हॉर्न बजाया तो चाय सुट्‌टा बार का एक कर्मचारी गाली-गलौज करते हुए निकला और हमला करने की कोशिश करते हुए गाड़ी में घुसने का प्रयास किया। दूसरे गेट से भागकर उन्होंने बचने का प्रयास किया तो कैफे संचालक अभय सिंह अपने गुंडों के साथ आ गए और मेरी गाड़ी से डंडा निकालकर मुझे खींचकर मारने का प्रयास किया।किसी तहर वहां से भागा तो अगले चौराहे पर अभय और उसके गुंडों ने मुझे घेरकर दबोच लिया। गाड़ी से खींचकर बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद गले से सोने की चेन तोड़ ली और मेरी चोटी पकड़कर गाली-गलौज करते हुए कहा कि तू चोटी वाला पंडित है। तेरे जैसे चोटी वाले बहुत पंडितों को ठीक किया है। तेरी चोटी उखाड़कर फेंक दूंगा। इसके बाद पीड़ित अक्षय ने वहां से भागरक पांडु नगर चौकी में घुसकर अपनी जान बचाई और फिर मामले में इन्हीं बातों को आधार बनाकर काकादेव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।आपको जानकार हैरानी होगी कि पुलिस ने बगैर जांच-पड़ताल के मामले में कैफे संचालक अभय सिंह और चार-पांच अज्ञात के खिलाफ गाली-गलौज, मारपीट, जान से मारने की धमकी, देने, लूट, धर्म विशेष का अपमान करने, अपराधिक बल का प्रयोग समेत 7 गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।कैफे संचालक ने जब सीसीटीवी सोशल मीडिया पर वायरल किया और अफसरों को दिया तब काकादेव थाना प्रभारी मनोज सिंह भदौरिया की करतूत सामने आई। मामले में कैफे संचालक ने चौकी, काकादेव थाना से लेकर पुलिस कमिश्नर दफ्तर तक चक्कर काटा और झूठी एफआईआर दर्ज करने का हवाला दिया। लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी और हर जगह से जांच का हवाला देकर टरका दिया गया।सीसीटीवी में साफ देखा जा सकता है कि एफआईआर में लगाए गए आरोपी पूरी तरह से निराधार और झूठी है। कैफे के सामने कोई भी गाड़ी अव्यवस्थित नहीं थी। जिससे कि रास्ता बंद हो जाए या हॉर्न बजाने की जरूर पड़े। कार चालक ने खुद गाड़ी से डंडा निकालकर कैफे के कर्मचारी को गाली-गलौज करते हुए मारपीट की। इसके बाद आराम से वहां से गुंडागर्दी करते हुए निकल गया। तहरीर में लगाए गए लूट, चोटी उखाड़ने की धमकी देकर जाति विशेष का अपमान करने से लेकर एक-एक बात झूठी निकली है।