कानपुर। नगर समेत आसपास के इलाकों में बादलों ने बरसने से लगभग मना सा कर दिया है मानसूनी मौसम में भी उमस अपना सितम ढा रही है। लोगों को मौसम में तपिश भरी गर्मी और उमस ने एकदम बेहाल कर रखा है। बारिश वाले बादलों के रास्ता बदल लेने की वजह से पिछले चार-पांच दिन से पानी नहीं बरसा है। उमस बढ़ जाने से लोग पसीना से तर-बतर हो जा रहे। पिछले पांच दिन से तापमान 35 या इसके ऊपर चल रहा है। मौसम विभाग की ओर से स्थानीय स्तर पर बनने वाले बादलों से छिटपुट बारिश की संभावना जतायी जा रही है, लेकिन तेज मानसूनी बारिश की सम्भा वना 20 जुलाई के बाद ही बनती दिखायी दे रही है।कमजोर मानसून की दूसरी वजह यह भी बताई जा रही है कि ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा बढ़ने से तापमान औसत एक डिग्री और बढ़ गया है। यही वजह है कि इस बार बारिश वाले बादल भी कम बन रहे हैं। तापमान बढ़ने की वजह से ही बिजली गिरने की घटनाएं भी ज्यादा हो रही हैं। मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन सुनील पांडेय के अनुसार कानपुर मंडल सहित उत्तर भारत में अभी बारिश की गतिविधियां होगी सीमित हैं। 18 जुलाई से एक और चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है। जो म्यांमार के पूर्वी तट से लेकर उत्तरी ओडिशा के तटीय भागों तक फैलेगा। इसके बाद यह छत्तीसगढ़ और विदर्भ के कुछ हिस्सों में प्रवेश करेगा।नगर में पांच दिनों से तापमान 35 डिग्री के ऊपर बना हुआ है। उमस से लोग परेशान रहे। मौसम विभाग की मानें तो 20 जुलाई के बाद ही मानसूनी बारिश की संभावना है।