आ. सं.
कानपुर। घाटमपुर तहसील क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना का सर्वे शुरू हो गया है। यहां पर ग्राम पंचायत सचिव घर घर पहुंचकर गरीबों को आवास योजना सूची में सम्मलित करने का काम कर रहे है। इस बार सत्यापन ए आई सॉफ्टवेयर के जरिए हो रहा है। इसमें लाभार्थी की फोटो अपलोड करने के साथ रेटीना स्कैन करते ही सॉफ्टवेयर डिटेक्ट करके खुद पात्र व अपात्र बना रहा है। ऐसे में आवास योजना में होने वाले खेल पर नकेल कसेगी। हालाकि गांव गांव सचिव आवास योजना की सूची बना रहे है। गरीबों को सूची में सम्मलित किया जा रहा है।
घाटमपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के चयन में अब किसी तरह की धांधली की गुंजाइश नहीं रहेगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रेटिना स्कैन जैसी आधुनिक तकनीक से लाभार्थियों का सत्यापन किया जाएगा।
पतारा विकासखंड के ग्राम पंचायत सचिव शैलेन्द्र गोस्वामी के अनुसार, सर्वे के दौरान लाभार्थियों का डेटा मोबाइल के माध्यम से उनके घर पर ही ऑनलाइन दर्ज किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में परिवार के सभी सदस्यों का आधार नंबर अनिवार्य है और महिलाओं को मुखिया के रूप में प्राथमिकता दी जा रही है।
सत्यापन प्रक्रिया में 15 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी एकत्र की जाती है। एआई कैमरा न केवल लाभार्थी का रेटिना स्कैन करता है, बल्कि घर की स्थिति का भी स्वचालित मूल्यांकन करता है। उदाहरण के लिए यदि किसी आवेदक के घर की दीवारें पक्की हैं, तो सॉफ्टवेयर तुरंत इसका पता लगा लेता है।
सत्यापन की प्रक्रिया तीन स्तरों पर होती है जिसमें पहले स्तर पर एआई आधारित सत्यापन, दूसरे स्तर पर जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा 2 प्रतिशत का सत्यापन और तीसरे स्तर पर ब्लॉक स्तर के अधिकारियों द्वारा 10 प्रतिशत का सत्यापन किया जाता है।
पतारा के बीडीओ चंद्रमणि ने स्पष्ट किया कि केवल कच्चे आवास वाले लोगों का ही सत्यापन किया जाएगा। सर्वे करने वाले कर्मचारी को बायोमेट्रिक सत्यापन करके लाभार्थी का रेटिना स्कैन करना अनिवार्य है, जिससे योजना की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
