June 20, 2025

आज़ाद संवाददाता

कानपुर।  नौबस्ता थानाक्षेत्र की किशोरी को जयपुर में बेचने के आरोपी सौरभ गुप्ता से पुलिस ने 7 घंटे तक पूछताछ की। जांच में कई नए खुलासे हुए हैं। मानव तस्कर सौरभ गुप्ता देह व्यापार के धंधे में भी लिप्त रहा है। पुलिस अब उन महिलाओं को तलाश रही है, जिनसे उसने धंधा करवाया है। इस मामले में सौरभ गुप्ता की पत्नी रुचि की भी भूमिका संदिग्ध मिली है। पुलिस उसकी भी जांच कर रही है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपी सौरभ गुप्ता अपने घर में लड़कियों को साली व अन्य रिश्तेदार बताकर रखता था। उसके एक डेढ़ साल बाद दूसरी लड़की उस रिश्तेदार की जगह ले लेती थी। उन्हीं लड़कियों से आरोपी देह व्यापार का धंधा कराता था। सारा हिसाब किताब भी उन्हीं लड़कियों से कराता था।अब तक वह आधा दर्जन से ज्यादा लड़कियों से धंधा करा चुका है। पुलिस इसकी जांच में जुट गई है।
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसका कबाड़ का काम है, जो वो बारादेवी चौराहा के पास करता है। इस कारोबार से वो 35 हजार रुपए कमा लेता था। हालांकि इसके बावजूद आरोपी आलीशान जिंदगी जी रहा था। उसने तीन गाड़ियां रखी हुई थीं। आरोपी के एक बेटा और बेटी है, जिसकी पढ़ाई का खर्च भी लाखों में बताया जा रहा है। आरोपी को घूमने का भी बहुत शौक है। इतना पैसा आ कहां से रहा था इसका जवाब भी सौरभ गुप्ता ने पुलिस को नहीं दिया।
गुमराह करने के लिए सौरभ ने सोशल मीडिया में अपनी पहचान भी छिपाए रखी। सौरभ गुप्ता के नाम से गुप्ता हटाकर मिश्रा सरनेम के साथ फेसबुक प्रोफाइल बनाया था। पुलिस ने जब इसे लेकर पूछताछ की तो आरोपी ने बताया कि उसकी पत्नी रुचि का सरनेम मिश्रा है। उसी से उसने मिश्रा सरनेम लेकर फेसबुक प्रोफाइल बनाई थी। उसने पुलिस को बताया कि रुचि के साथ उसका प्रेम विवाह हुआ था।
आरोपी सौरभ गुप्ता से पुलिस ने घटना से जुड़े कई सवाल किए। उसने घटना की जानकारी तो दी मगर अपना गुनाह नहीं कबूला। पूरी पूछताछ में वो सिर्फ खुद को बेचारा साबित करने में जुटा रहा। उसने पुलिस को बताया कि वो खुद जयपुर से भागा था। पूरी घटना को उसने दो महिलाओं पलक और सुमन पर डाल दिया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी ने कहा कि वो 29 मार्च को कार में किशोरी से मिला था। उसी में पलक और सुमन भी बैठी हुई थी। चार दिन पहले से वो परिवार वालों के साथ मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाने के लिए कह रही थी। उसी ने कहा था चाचा मेहंदीपुर बालाजी जाकर आएंगे। आरोपी सौरभ गाड़ी में बैठ गया और वो लोग 30 मार्च की सुबह मेहंदीपुर बालाजी पहुंचे।
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वो मंदिर नहीं गए, बल्कि मोड़पर ही रुक गए। वहीं पर एक होटल में सुबह दस बजे तक आराम किया और फिर सीकर स्थित गायत्री विश्वकर्मा के यहां पहुंच गए। वहां पर सुमन, पलक और किशोरी अंदर गए और शाम को जब किशोरी लहंगा पहनकर निकली तो सौरभ से उसका विवाद हुआ उसके बाद वो गाड़ी लेकर वापस आ गया।
पुलिस पूछताछ में सौरभ गुप्ता ने बताया कि घटना के बाद वो परिवार के साथ स्टेशन के ही अलग अलग हिस्सों में रह रहा था। इस दौरान उसने अपने वकील से सम्पर्क किया था। उसके वकील ने कोर्ट में सरेंडर करने के अलावा उसका मोबाइल फोन भी तुड़वाकर फिकवा दिया था।
एडीसीपी साउथ महेश कुमार ने बताया कि आरोपी को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। कुछ तथ्य सामने आए हैं जिनका सत्यापन किया जा रहा है। उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि नौबस्ता के हंसपुरम इलाके में पड़ोसी सौरभ ने किशोरी को अगवा कर उसकाे राजस्थान में एक लाख रुपए में बेच दिया था। वहां खरीदने वाली महिला ने शादी के नाम पर उसे ढाई लाख रुपये में दूसरे को बेच दिया। संघर्ष कर किशोरी किसी तरह भागी और घरवालों को खबर दी। परिजनों ने नौबस्ता पुलिस से गुहार लगाई। पुलिस टीम ने खरीददार महिला और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया। अब अपहरण करने वाले व शादी के लिए खरीदने वाले की तलाश जारी है।
नौबस्ता के हंसपुरम क्षेत्र निवासी पिता ने तीन अप्रैल को अपनी 16 वर्षीय बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया कि पड़ोसी सौरभ को उनकी बेटी चाचा कहती थी। उसी ने 30 मार्च को बेटी का अपहरण कर लिया।
5 अप्रैल को उसने लखनऊ निवासी अपने जीजा को कॉल कर बताया कि सौरभ ने उसे अगवा करके राजस्थान जयपुर के अंखुरिया में एक फाउंडेशन चलाने वाली महिला को एक लाख में बेच दिया। उस महिला ने शादी के नाम पर उसे नागर जिले में एक अधेड़ को 2.5 लाख रुपये में बेचा। किशोरी को बेचने की खबर पर पुलिस अलर्ट हुई और एक टीम राजस्थान रवाना हुई।
पुलिस टीम को किशोरी अंखुरिया में मिली। किशोरी के बताने के अनुसार पुलिस ने प्रेमनगर पुलिया के पास से उसे खरीदने वाली फाउंडेशन संचालक सावित्री और उसके साथी गागर बाड़ा निवासी हनुमान को गिरफ्तार किया। पुलिस टीम आरोपियों व किशोरी को लेकर शहर आ गई थी। 

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