
सुंदर मुन्दरिए की आवाज़ लगाई
सर्दी जाने की खुशी मनाई,
बसंत का मौसम है आने वाला
लोहड़ी की जब आवाज़ लगाई।
मूँगफली रेवड़ी आग में डाली
नयी फसल की करी तैयारी,
लोहड़ी के गीतों को गाकर
खुशियों की महफ़िल सजाली।
बच्चों ने पहले गीत गाकर
लोहड़ी मांगी घर घर जाकर,
टोली लेकर निकलते बच्चे
खाते लोहड़ी मिल बांटकर।
गुड और तिल का मेल अनोखा
मूँगफली से स्वाद बने चोखा,
आग जलाकर नाचते गाते
गिद्दा भांगड़ा की धूम मचाते।
उपले जलाते लकड़ी लाते
अग्नि में रेवड़ी डाल जाते,
अच्छी फसल किसानों को भाई
लोहड़ी की सबको देते बधाई।
— संजीव कुमार भटनागर