December 10, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) कानपुर शाखा और मेदांता अस्पताल लखनऊ ने रविवार को होटल विजय इंटरकांटिनेंटल तिलक नगर, में एक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में प्रतिष्ठित मेडिकल प्रोफेशनल्स ने भाग लिया, जिन्होंने डॉक्टर्स की जानकारी और प्रैक्टिस के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। मेदांता अस्पताल, लखनऊ में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर, प्रसिद्ध प्रो. डॉ. पीके गोयल ने उपस्थित लोगों को इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी की अनिवार्यताओं के बारे में बताया और इस महत्वपूर्ण चिकित्सा क्षेत्र में मूल्यवान अनुभव साझा किया। इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त डॉ. पीके गोयल ने सीएमई कार्यक्रम में कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में हुई उल्लेखनीय प्रगति के विषय में चर्चा की। उन्होंने दिल का दौरा पड़ने या सीने में दर्द होने पर तेजी से कदम उठाने के महत्व पर जोर दिया। तत्काल इलाज हृदय की स्थायी क्षति को रोक सकती है और प्राणों की रक्षा कर सकती है। डॉ. गोयल ने बताया कि हृदय रोगों के इलाज के मामले में काफी प्रगति हुई है और स्थितियां पहले से काफी बेहतर हुई हैं। अब, हृदय रोग विशेषज्ञ स्थान बिना सीना चीरे जटिल इलाज को संभव कर रहे हैं। इस क्रांतिकारी तकनीक की शुरआत 1991 में डॉ. पीके गोयल द्वारा एसजीपीजीआई में हुई थी, जब उन्होंने संकुचित हो चुकी धमनियों को खोलने के स्टेंट और बलून तकनीक की शुरुआत की थी। डॉ. पीके गोयल ने कहा कि “आज, जीवन बचाने के लिए कार्डियोलॉजिस्ट पूरी तरह से अवरुद्ध धमनियों को खोल सकते हैं। वह भी ओपन हार्ट सर्जरी के लिए छाती की चीर फाड़ किए बिना। यह तकनीक खासकर दिल के दौरे के दौरान जीवन बचाने में कारगर सिद्ध हुई है। स्टेंट रक्त वाहिकाओं में अवरोध को समाप्त में मदद करते हैं। यह तकनीक यदि कुशलता से प्रयोग की जाए तो यह न केवल मरीजों के प्राणों की रक्षा करती है, बल्कि लंबे समय तक अच्छे परिणाम भी देती हैं।” उन्होंने बताया, “इस तकनीक के इस्तेमाल के लिए सर्जन कलाई या पेट और जांघ के बीच के हिस्से में छोटे सा छेद कर, उसके माध्यम से स्टेंट डालकर मरीज की धमनियों में आई कई रुकावटों को भी ठीक कर सकते है। इस तकनीक से हृदय वाल्वों का इलाज छाती को खोले बिना भी किया जा सकता है।” डॉ. पीके गोयल ने कहा, “बड़े मेट्रो शहरों और लखनऊ के मेदांता अस्पताल जैसे स्थानीय अस्पतालों में कार्डियोलॉजी रोगों के इलाज की लागत लगभग समान्य है। जागरूकता की कमी के कारण, मरीज अक्सर मुंबई, दिल्ली या बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में इलाज कराने के लिए मजबूर हो जाते थे। मरीजों के लिए जानना आवश्यक है कि आधुनिक उपचार के लिए एडवांस मेडिकल टेक्नोलॉजी और विशेषज्ञ डॉक्टर्स स्थानीय स्तर पर आसानी से उपलब्ध है। स्थानीय स्तर पर इलाज कराने से मरीज यात्रा और साथ में मौजूद तीमारदारों के आवास पर अतिरिक्त खर्च किए बिना आसानी से इलाज करा सकते हैं।” मेदांता अस्पताल, लखनऊ में मेडिकल ऑन्कोलॉजी और हेमेटो ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. आलोक गुप्ता ने कैंसर प्रबंधन में नवीनतम प्रगति को साझा किया। ​​​​​हेमाटो ऑन्कोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट के निदेशक डॉ. अंशुल गुप्ता ने पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी) की व्याख्या पर एक प्राइमर व्याख्यान दिया, जिसका उद्देश्य इस आवश्यक निदान उपकरण के बारे में चिकित्सकों की समझ को बढ़ाना है। CBC जो कि सबसे प्रथम, साधारण लेकिन सबसे महत्वपूर्ण जांच के बारे में बताया। 

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