कानपुर। नगर समेत प्रदेश के क्रिकेट समर्थकों की नजरों से देखा जाए तो सूबे के सबसे प्राचीन क्रिकेट स्टेडियम ग्रीनपार्क वर्तमान समय में क्रिकेट की हर छोटी बडी गतिविधि से बेहद दूर दिखायी दे रहा है। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ ग्रीनपार्क के मेन्टीनेन्स और स्टाफ पर लगभग हर महीने 16 लाख रुपए खर्च करता है इसके बावजूद भी वह क्रिकेट की हर छोटी बडी गतिविधियों से दूर ही है। हालांकि सितम्बर महीने में उसको एक टेस्ट मैच के लिए भले ही चुना गया हो लेकिन वर्तमान समय की क्रिकेट अब शायद ही यहां पर देखने को मिल सके। इसे यूपीसीए के अधिकारियों की उदासीनता कहें या फिर ग्रीनपार्क के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण हर हाल में नुकसान केवल क्रिकेट का ही होता दिख रहा है। गौरतलब है कि यूपीसीए और प्रदेश सरकार के बीच 2015 में एमओयू हुआ था जिसमें ग्रीनपार्क स्टेडियम की दो दर्शक दीर्घाओं को छोडकर सभी का मेन्टीनेन्स संघ को ही करना इंगित है। यह भी बतातें चलें कि ग्रीनपार्क और सरकार के बीच हुए एमओयू के बाद 2017 तक एक दिवसीय,टेस्ट मैच ,आईपीएल और टी-टवेन्टी के मैच लगातार होते रहे और मेन्टीनेन्स भी होता रहा। 34 करोड के प्लेयर्स पैवेलियन के निर्माण के अलावा यहां पर नया कुछ भी नही हो सका । मेन्टीनेन्स के मामले में संघ उदासीन रवैया अख्तियार किए हुए हैं खास तौर पर मीडिया सेन्टर जिसमें टीवी और रेडियो उदघोषको के कमरों को भी बेकार कर दिया गया है। ग्रीन पार्क स्टेडियम कुछ साल पहले तक भारत के प्रमुख मैदानों में गिना जाता था। 1952 में यहां पहला टेस्ट खेला गया था। भारत ने यहां वनडे और टी20 मैच भी खेले हैं। इस मैदान पर आईपीएल के मुकाबला भी हो चुके हैं। लेकिन फिर लखनऊ में इकाना स्टेडियम बन गया। यूपी में होने वाले इंटरनेशनल मैच वहां होने लगे। 2017 के बाद यहां कोई वनडे नहीं हुआ है। 2021 में आखिरी बार टेस्ट खेला गया था। अब करीब तीन साल बाद इस मैदान पर टेस्ट मैच होने वाला है। हालांकि इसकी हालत काफी खराब है। ग्रीन पार्क स्टेडियम के स्टैंड्स की हालत काफी खराब है। यहां काफी मरम्मत के साथ ही साफ सफाई की जरूरत है। कभी यहां 41 हजार लोगों की बैठने की क्षमता थी जो अब 15 हजार ही बची हुई है। ग्रीन पार्क स्टेडियम के आउटफील्ड की स्थिति भी ठीक नहीं है। स्टेडियम के मैदान पर जगह-जगह जंगली घास उगी हुयी साथ ही मैदान भी असमतल है। भारत और बांग्लादेश के बीच यहां सितंबर में टेस्ट मैच होना है। सफाई के अभाव में बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग गई हैं कई जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। नियमित रूप से सफाई और रख रखाव नहीं होने की वजह से यह स्थिति हुई है। स्टेडियम में कई जगह शेड की स्थिति जर्जर हो गई है। मैनुअल स्कोरबोर्ड के साथ ही पब्लिक गैलरी की स्थिति तो सालों से बुरी है। 27 सितंबर से यहां भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट होगा। किसी भी इंटरनेशनल मैच के लिए स्टेडियम को काफी पहले से तैयार किया जाता है। लेकिन ग्रीन पार्क पर अभी बड़े पैमाने पर साफ-सफाई और मेन्टीनेन्स की आवश्यकता है। इस मामले में यूपीसीए का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार ही नही है जबकि नगर के क्रिकेट समर्थक गौरव सिंह कहते हैं कि यूपीसीए अगर स्टेडियम का मेन्टीनेन्स सही तरीके से करे तो उस पर चार चॉंद लग सकते है और टी-टवेन्टी जैसे अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबले भी आयोजित किए जा सकते हैं।