November 23, 2024

संवाददाता। 

कानपुर। नगर में बनकर तैयार हुए 30 स्मार्ट बस स्टॉप पर आज तक एक भी बस नहीं रुकी, और न ही इन  बस स्टॉप पर खड़े होकर किसी सवारी ने बस का इंतजार किया। बस स्टॉप पर बनी ज्यादातर दुकानें किराये पर उठा दी गई हैं। नगर निगम के फुटपाथ पर बने स्मार्ट सिटी के बस स्टॉप को लेकर महापौर पहले भी सवाल उठा चुकी हैं। जिससे करोड़ों खर्च कर बनाए गए बस स्टॉप धूल फांक रहे हैं। जबकि शहर में 100 ई-बसों का संचालन किया जा रहा है। ये बस स्टाप पीपीपी मॉडल पर 4 करोड़ रुपए से तैयार किए गए हैं। शहर में पीपीपी मॉडल के तहत तीस जगहों पर बस स्टॉप बनाया जाना था। इसके तहत 14 चौराहों को चिह्नित किया गया। इन जगहों पर पहले चरण में 21 स्मार्ट बस स्टॉप बनाए गये वहीं, दूसरे चरण में 9 और बस स्टॉप बनाए गए। इसका मकसद ई-बसों को जगह-जगह रुकवाने की जगह निर्धारित स्थान पर ही रोकना था। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत बनने वाले बस स्टॉप जुलाई 2023 में बना दिए गये। लेकिन, एक भी  बस स्टॉप को प्रॉपर शुरू नहीं किया गया। जबकि स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के अनुसार बस स्टॉप पर एलईडी बोर्ड लगने थे, जिसमें कौन सी बस कब आ रही है और कितनी देर में आएगी इसका डिस्प्ले किया जाना था। लेकिन, आज तक यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी है। स्मार्ट बस स्टॉप बनाए जाने के लिए केसीटीएसएल, केडीए और नगर निगम ने शहर के अलग-अलग चौराहों का सर्वे कर रिपोर्ट बनाई थी। जिसमें मुख्य तीस चौराहों को चिह्नित किया गया है। वर्ष 2021 में अलग-अलग रूट पर तीस स्मार्ट बस स्टॉप बनाए जाने का खाका तैयार किया गया, जो 2022 में शुरू होकर 2023 में खत्म किया गया। इनमे  घंटाघर, टाटमिल, किदवई नगर, यशोदा नगर, रामादेवी, जाजमऊ, फजलगंज, विजयनगर, गोल चौराहा, मोतीझील, भाटिया तिराहा, गुरुदेव और आईआईटी चौराहा शामिल है। इनके बनने के बाद तय हुआ था कि ई-बसें इन्हीं स्टॉपेज पर ही रुकेंगी, जहां पर सवारी उतर और बसों का इंतजार कर सकती हैं। लेकिन बस स्टॉप बनने के बाद भी ई-बसें कहीं भी रुक जाती हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। सवारियों को भी बसों की सवारी करने में दिक्कतें आती हैं। ई-बस स्टॉप सौर ऊर्जा से संचालित होना था। जहां बैठने से लेकर पीने के पानी की व्यवस्था के लिये अलग शॉप भी बनाई गई। लेकिन, यह दुकानें अधिकतर बस स्टॉप पर खुली ही नहीं हैं। दुकान के एवज में ज्यादा पैसे मांगने और नगर निगम महापौर प्रमिला पांडेय की आपत्ति के बाद दुकानों को उठाया नहीं जा सका है। महापौर का कहना है कि यह बस स्टॉप नगर निगम के फुटपाथ पर बना है और स्मार्ट सिटी कैसे पैसा वसूल सकता है। बता दें कि बस स्टॉप चौराहे से सौ मीटर की दूरी पर बनाए गए हैं। यहां लगने वाले विज्ञापन की आय से स्मार्ट सिटी कि आय हो रही  है।

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