संवाददाता।
कानपुर। नगर मे इस भीषण गर्मी में कानपुर मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में लीवर और किडनी के मरीजों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है, क्योंकि ऐसे मरीजों में शारीरिक क्षमता पहले से ही कम रहती है। इस कारण इन मरीजों में संक्रमण तेजी से अटैक करता है। ओपीडी में रोजाना इस तरह के मरीज पहुंच रहे हैं। वहीं, 4 से 5 मरीज रोज भर्ती भी किए जा रहे हैं। यहीं हाल यूएचएम (उर्सला) हॉस्पिटल में भी देखने को मिल रहा है। कानपुर मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. बीपी प्रियदर्शी ने बताया कि लीवर और किडनी से संबंधित मरीजों को नमक और पानी बहुत ही सीमित मात्रा में लेना होता है, लेकिन इस गर्मी में उन लोगों में भी पानी की कमी हो रही है। ऐसे मरीजों को ज्यादा पानी या नमक खाने के लिए रोका जाता है। गर्मियों में पसीना निकलने के कारण शरीर से नमक और पानी की मात्रा दोनों ही घट जाती हैं, जो किडनी और लीवर के मरीज होते हैं वह वैसे भी यह दोनों चीज कम लेते हैं, तो इस कारण ऐसे मरीज संक्रमण की चपेट में जल्दी आते हैं। गर्मी अधिक होने के कारण मरीजों को अपने डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद शरीर में पानी की मात्रा थोड़ी बढ़ानी चाहिए। डॉ. प्रियदर्शी ने बताया कि इन दिनों रोजाना चार से पांच मरीजों को भर्ती भी किया जा रहा है। यह मरीज ऐसे होते हैं जिनका बीपी अचानक से लो हो जाता है, जब बीपी लो होता है तो मरीज को पहले चक्कर आते हैं। इसके बाद बेहोशी छा जाती है। ऐसे मरीजों को तुरंत इंजेक्शन या ग्लूकोज के माध्यम से दवा देनी पड़ती है, तब कहीं जाकर इनका बीपी कंट्रोल हो पता है।