December 3, 2024

कानपुर। 25 हजार के इनामिया जिस आरोपी को भाजपा कार्यकर्ता बता विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने छुड़ाने के लिए बुधवार ग्वालटोली थाने में हंगामा किया था वह पूर्णतया सपाई निकला। उसने लोकसभा चुनाव में कानपुर देहात के सपा प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार किया था। उसकी फेसबुक आईडी में सपा प्रत्याशी का प्रचार करते फोटो भी मौजूद हैं। इतना ही नहीं शिवा ने चचेरे भाई की हत्या में आरएसएस के तीन पदाधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। पुलिस की विवेचना में इन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है। बता दें शिवा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बिठूर विधायक सांगा ने बुधवार को ग्वालटोली थाने का घेराव कर प्रदर्शन किया था। आरोप लगाया था कि चचेरे भाई की हत्या के मामले के आरोपियों से मिलीभगत कर वादी के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है। उन्होंने ग्वालटोली थाने के मंगलपुर बीट प्रभारी शीलेंद्र सिंह पर शिवा से मारपीट और पैसे मांगने का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच एसीपी कर्नलगंज को सौंपी गई है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने शिवा का इतिहास खंगाला, तो पता चला कि शिवा ने सपा प्रत्याशी का प्रचार किया था। उसने फेसबुक में सपा प्रत्याशी के साथ फोटो भी लगा रखा है। इसमें लिखा है कि मेरी ग्रामसभा लुधवाखेड़ा में ओर गंगा बैराज के किसी गांव मे सांसद ने एक भी विकास कार्य नहीं कराए हैं, न 10 साल से सांसद जी नजर आए हैं। सूत्रों के मुताबिक यह बात भी सामने आई है कि नौ अगस्त 2023 को शिवा ने चचेरे भाई नरेंद्र की हत्या में देवनीपुरवा के ग्राम प्रधान रवि निषाद, उनके चचेरे भाई दीपक और अंकित समेत कई लोगों पर नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रवि और उसके दोनों भाई आरएसएस के पदाधिकारी हैं। रवि जिला ग्राम विकास प्रमुख, दीपक नगर ग्राम विकास प्रमुख और अंकित नगर संपर्क प्रमुख हैं। जांच में इन तीनों की नामजदगी गलत पाई गई। पुलिस ने आरोपी शिवा के साथ ही उसके साथी चंद्रशेखर का इतिहास खंगालना शुरू कर दिया है। ग्वालटोली थाने में प्रदर्शन के दौरान विधायक ने मंगलपुर बीट प्रभारी को निलंबित करने और बाद में लाइन हाजिर की मांग पर अड़ गए थे। कार्रवाई न होने पर विधायक ने शनिवार को पुलिस कमिश्नर कार्यालय घेरने की चेतावनी दी थी। मामला बढ़ता देख पुलिस अफसरों ने बीच का रास्ता निकाला। बीट प्रभारी शीलेंद्र सिंह को बीट से हटा दिया। इसके बाद दरोगा शीलेंद्र को 15 दिन की छुट्टी पर भेज दिया गया। डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम ने बताया कि बीट प्रभारी को वहां से हटाया गया है। थाने में आमद कराने के बाद वह पारिवारिक शादी में शरीक होने के लिए 15 दिन के अवकाश में चले गए हैं।

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