December 3, 2024

 कानपुर। जाजमऊ पुलिस ने वाहन चोरी के गिरोह का संचालन करने वाले सरगना समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए सरगना और बर्खास्त सिपाही की निशानदेही पर पुलिस ने कबाड़ी के ठिकाने से चोरी की चार कारें, दर्जनों चाभियां व उपकरण, नकदी व चिप आदि बरामद किए हैं। पुलिस अब गैंग के अन्य सदस्योंे की तलाश में जुट गयी है।डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह व एसीपी कैंट अंजली विश्वकर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि पिछले कुछ समय से जाजमऊ से चोरी हुई कार की तलाश के दौरान ऑपरेशन त्रिनेत्र के जरिए लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से पुलिस टीम ने नौबस्ता के यशोदानगर से वाहन चोरी करने वाले गैंग के एक शातिर को पकड़ा। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम झांसी जिले के कोतवाली क्षेत्र के नई बस्ती शिया मस्जिद कंपाउंड निवासी परवेज अहमद बताया। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि बर्खास्तउ परवेज 1995 बैच का सिपाही था। वह कानपुर के काकादेव, नर्वल, ग्वालटोली समेत अन्य थानों में तैनात रह चुका है। आरोपी वर्ष 2014 में उत्तराखंड के नैनीताल समेत कई स्थानों में लक्जरी कारों की चोरी के मामले में जेल भी जा चुका है। इसी के बाद महकमे ने चोरी के मामले में हुई विभागीय जांच दोषी पाए जाने पर उसे वर्ष 2015 में बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद से वह घूम घूमकर चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहा था। परवेज से पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी के साथी घाटमपुर के मोहल्ला रोखवाड़ा निवासी समीउल्ला खान उर्फ बब्लू को दबोच लिया। समीउल्ला कारों को चुराने के बाद उन्हें स्क्रैप में बेचने या फर्जी कागजात तैयार कर दूसरे जिलों में बेचता था। डीसीपी पूर्वी ने बताया कि आरोपियों के पास चोरी की चार कारों के अलावा एक स्कूटी, काफी संख्या में चार पहिया वाहनों की चाभी, नंबर प्लेट, गाड़ी का लॉक तोड़ने के उपकरण, 46 चिप, रिमोट, फास्ट टैग, तीन मोबाइल फोन के अलावा 29,811 रुपये की नकदी मिली है। बर्खास्त सिपाही परवेज नौबस्ता के यशोदानगर में जिस मकान में किराये पर रहता था। उसके आसपास के लोगों को वह क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बताता था। पुलिस की वर्दी और आईकार्ड की वजह से लोग उसकी बात पर यकीन कर लेते थे। डीसीपी ने बताया कि सिपाही का पूरा प्रोफाइल पता करने के लिए झांसी क्राइम ब्रांच से संपर्क किया जा रहा है। डीसीपी ने बताया कि परवेज वारदात के लिए रेकी कर वाहन चिन्हित करता था। वह दिन में सोता था और फिर रात में अकेले ही निकल कर वारदात को अंजाम देता था। आरोपी बर्खास्त सिपाही परवेज ने बताया कि वह गाड़ी का लॉक तोड़कर उसके साफ्टवेयर को प्रोग्राम कर चिप व चाभी स्कैनर की मदद से गाड़ी स्टार्ट कर चुरा ले जाता था। आरोपी सिपाही ने यह खुलासा भी किया कि वह यूट्यूब पर तरीके सीखने के बाद वाहन चोरी की वारदातों को अन्जाम देता था। इसके बाद गाड़ी की नंबर प्लेट बदलकर ठिकाने पर खड़ी कर देता था और कुछ समय के बाद ग्राहक या कबाड़ी को बेच देता था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *