November 22, 2024

कानपुर. एमपी एमएलए कोर्ट ने सपा विधायक इरफान सोलंकी पर अपना फैसला 10वीं बार टाल दिया है. अदालत से बाहर निकलते समय सोलंकी ने मीडिया से कहा, “मैं अभी भी जीवित हूं,” जो उनके चल रहे संघर्ष को दर्शाता है। कानपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक सोलंकी आगजनी के एक मामले में पिछले 20 महीने से महाराजगंज जेल में हैं। लंबे इंतजार के बावजूद कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है।

इरफ़ान सोलंकी के मामले की पृष्ठभूमि

इरफान सोलंकी कानपुर के जाजमऊ थाना क्षेत्र में आगजनी के आरोप में एक साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं। आरोपों में ज़मीन के एक टुकड़े में आग लगाना शामिल है. इस मामले में उनके भाई रिजवान सोलंकी और कई अन्य भी आरोपी हैं। उनके खिलाफ अतिरिक्त आरोप दायर किए गए हैं, जिससे उनकी कानूनी लड़ाई जटिल हो गई है।

कोर्ट का फैसला फिर टल गया

सोमवार को अदालती सत्र में कोई फैसला नहीं आया, जो सोलंकी के मामले में 10वीं बार स्थगन है। उनकी अगली अदालत में उपस्थिति 3 जून को निर्धारित है। लंबी कानूनी कार्यवाही ने सोलंकी पर भारी असर डाला है, जिन्होंने पहले खुद को कैमरे पर “जानवर” कहकर अपनी निराशा व्यक्त की थी – एक वीडियो जो वायरल हो गया, जिससे सार्वजनिक हित और मामले के बारे में अटकलें बढ़ गईं।

आगामी सुनवाई और सार्वजनिक प्रतिक्रिया

1 जून को सातवें चरण के चुनाव के बाद अगली सुनवाई 3 जून को तय की गई है। सोलंकी के बयान, “मैं अभी भी जीवित हूं,” ने उनके समर्थकों और जनता के बीच सवाल और चिंताएं पैदा कर दी हैं। उनकी निरंतर कारावास और विलंबित फैसले ने कानूनी प्रक्रिया और राजनीतिक हस्तियों पर इसके प्रभाव की ओर ध्यान आकर्षित करना जारी रखा है।

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