चैत्र माह शुक्ल नवमी आयी
अयोध्या आज बहुत हर्षायी
नक्षत्र पुनर्वसु सुंदर सजा है
कर्क लगन में भानु बसा है|
दर्द उदर का कौशल्या पाये
प्रसव वेदना रानी को भाए,
राम जन्म का पल अनुपम
देव ऋषियों ने पुष्प बरसाए|
राजा दशरथ फूले न समाते
श्यामल राम छवि निहारते,
देख राम माता हो बलिहारी
आनंद में झूमी अवध न्यारी|
नारायण रूप राम सजा है
मनोहर रूप कोदंड भुजा है,
भीग रहे कौशल्या दृग कोर
राम जन्म का मच रहा शोर|
नवमी को प्रकट हुये श्रीराम
पुर्णिमा अवतरित हुये हनुमान
चैत्र मास है ये पवित्र सुहाना
सनातन उत्पत्ति इसी में जाना|
राम जन्म शुभ अवसर आया
सरयू तट भी बहुत हर्षाया,
राम नवमी है पावन आज
प्रकृति ने भी उत्सव मनाया|