संवाददाता।
कानपुर। प्रदेश में 18 से 25 जून के बीच मानसून दस्तक देगा। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार मानसून अंडमान-निकोबार पहुंच गया है। 31 मई तक यह केरल पहुंच जाएगा। पिछले साल भी मानसून ने यूपी में 20 जून को दस्तक दी थी। इस बार महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के रास्ते मानसून उत्तर प्रदेश में एंट्री करेगा। कानपुर की सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डॉ. सुनील पांडेय ने बताया कि 6 जिलों चित्रकूट, महोबा, बांदा, हमीरपुर, जालौन और झांसी में आज बारिश हो सकती है। मौसम वैज्ञानिक ने बताया, मौजूदा समय में अंडमान निकोबार में बारिश शुरू हो चुकी है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी से हवाएं यूपी की ओर आने लगी हैं। इससे यूपी में अच्छी बारिश के आसार हैं। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि यूपी में एक जून से लेकर 30 सितंबर तक जो बारिश होती है, वह मानसूनी सीजन की बारिश मानी जाती है। जबकि एक जून से पहले मई में जो बारिश होती है, उसे प्री-मानसून की बारिश कहा जाता है। इसमें आंधी-तूफान की संभावना सबसे अधिक होती है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. सुनील पांडेय ने बताया, क्लाइमेट (जलवायु) के दो पैटर्न होते हैं, अल नीनो और ला नीना। पिछले साल अल-नीनो सक्रिय था, जबकि इस बार अल-नीनो परिस्थितियां इसी हफ्ते खत्म हुई हैं और संभावना बन रही है कि तीन से पांच हफ्तों में ला-नीना परिस्थितियां पैदा हो जाएंगी। पिछले साल अल-नीनो के समय सामान्य से कम 94% बारिश हुई थी। 2020 से 2022 के दौरान ला-नीना ट्रिपल डिप के दौरान 109%, 99% व 106% बारिश हुई थी। अल नीनो: इसमें समुद्र का तापमान 3 से 4 डिग्री बढ़ जाता है। इसका प्रभाव 10 साल में दो बार होता है। इसके प्रभाव से ज्यादा बारिश वाले क्षेत्र में कम और कम बारिश वाले क्षेत्र में ज्यादा बारिश होती है। ला नीना: इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होता है। इसका दुनियाभर के मौसम पर असर पड़ता है। आसमान में बादल छाते हैं और अच्छी बारिश होती है। वहीं आईएमडी के मुताबिक शनिवार को देश के टॉप-5 में यूपी के 3 जिले आगरा, कानपुर और झांसी सबसे गर्म रहे। कानपुर का अधिकतम तापमान 46.9°C रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग ने वेस्ट यूपी समेत आज 8 जिलों में हीटवेव का रेड अलर्ट जारी किया है। इस दौरान 40 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चलेगी। पारा 47°C के पार जाएगा। प्रदेश के 27 जिलों के लिए ऑरेंज और 28 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी है। मौसम विज्ञानी डॉ. सुनील पांडेय ने बताया, यूपी में इस सीजन में पहली बार गर्मी और हीटवेव का रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसका मतलब तापमान सारे रिकॉर्ड तोड़ सकता है। जानलेवा गर्मी पड़ेगी। पारा 47°C को पार करेगा। गर्मी और हीटवेव का प्रकोप इस कदर होता है, जिससे जान-माल के नुकसान का सबसे ज्यादा डर रहता है। यह मौसम के सबसे खराब स्तर को दिखाता है। प्रशासन को भी सावधान रहने के लिए एडवाइजरी जारी की जाती है। मौसम विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें। बच्चे और बुजुर्ग दोपहर में घर से निकलने से बचें। डॉ. सुनील पांडेय ने बताया, कानपुर में गर्मी ने 29 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 18 मई 1995 को अधिकतम तापमान 45.2°C रिकॉर्ड किया गया था। तब से अब तक 18 मई, 2024 को 46.9°C तापमान दर्ज किया गया। सुनील पांडेय ने बताया, यूपी में सीजन में पहली बार गर्मी और हीटवेव का रेड अलर्ट जारी किया गया है। मई महीने में अभी ऐसा ही मौसम रहेगा। भीषण गर्मी और उमस लोगों को परेशान करती रहेगी। अब रातें भी गर्म होने लगी हैं। एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू-कश्मीर की तरफ आ रहा है। इससे पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश हो सकती है। यूपी में 21 मई से बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया में बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, जब गर्मी या लू का प्रकोप इस कदर बढ़ जाता है कि जान-माल के नुकसान का डर रहता है। तापमान 47°C को पार करने की स्थिति में होता है। उस स्थिति में रेड अलर्ट जारी किया जाता है। लोगों को सीधे तौर पर यह बताया जाता है कि मौसम बहुत खराब स्थिति में पहुंच चुका है। अब सावधान रहें। ऑरेंज अलर्ट तब जारी होता है जब गर्मी से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इसका मतलब आने वाले दिनों में पड़ने वाली भीषण गर्मी को लेकर लोगों को पहले ही ऑरेंज अलर्ट के माध्यम से सतर्क करने की कोशिश है। इस अलर्ट में लोगों को जरूरी होने पर ही घरों से निकलने की सलाह दी जाती है। इसमें तापमान 43 से 45 डिग्री के बीच दर्ज किया जाता है। यलो अलर्ट जारी करने का मकसद लोगों को सचेत करना है। इसे मौसम विभाग की चेतावनी के तौर पर देखा जा सकता है। लोगों को सलाह दी जाती है कि आने वाले दिनों में मौसम बिगड़ने वाला है। यह अलर्ट जस्ट वॉच का सिग्नल है। इसमें अधिकतम तापमान 40 से 42 डिग्री के बीच दर्ज किया जाता है। ग्रीन अलर्ट उस स्थिति में जारी किया जाता है, जब हालात एकदम सामान्य होते हैं। किसी प्रकार का जोखिम नहीं होता है। यह अलर्ट के बजाय एक सुकून भरा मैसेज होता है जो लोगों को बताता है कि अब प्रचंड गर्मी से राहत मिल गई है या मिलने वाली है। मौसम विभाग के मुताबिक, हीटवेव तब चलती है जब मैदानी इलाकों में टेम्परेचर 40 डिग्री, कोस्टल यानी तटीय इलाकों में 37 डिग्री और पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री हो जाए। सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने पर हीटवेव और 6.4 डिग्री का इजाफा होने पर सीवियर हीटवेव चलती है।