–गंगा किनारे रहने वाले 30 हजार लोगों के लिए वाटर सप्लाई शुरू।
कानपुर।नगर के ज्यौरा और नारायण घाट के क्षेत्रों में लगे नलों की पाइप लाइन में लगभग 20 साल बाद जलापूर्ति शुरु हो गयी। नलों से पानी टपकने से लगभग 30 हजार की आबादी वाले क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली। पानी की आपूर्ति शुरू होते ही घरों और बाहर फुटपाथ पर लगे पाइपों से पानी बहने लगा। ऐसे कई पाइपों में टोटियां लगवाई गईं। बाकी पाइपों में भी टोटियां लगाने के निर्देश दिए गए। क्षेत्रीय पार्षद महेंद्र पांडेय पप्पू ने बताया कि ज्यौरा, नारायण घाट और आजादनगर के कुछ हिस्से में जलकल विभाग की पाइपलाइन पड़ी थी, लेकिन इसमें 20 साल से पानी नहीं आ रहा था। इन मोहल्लों में रहने वाले करीब 30 हजार लोग आसपास लगे सबमर्सिबलों, हैंडपंपों से पानी भरने के लिए मजबूर थे। जबकि वे मोहल्लों से गंगा बैराज जल शोधन संयंत्र के नजदीक हैं और इसी संयंत्र से सिटी और साउथ के करीब पांच लाख लोगों को रोज पानी की आपूर्ति की जाती है, लेकिन इसके आसपास स्थित मोहल्ले वाले इस प्लांट की सुविधा से वंचित थे। पार्षद ने बताया कि नगर निगम सदन में भी कई बार यह मामला उठाया, पर समस्या का समाधान नहीं हुआ। जल निगम ने वहां पानी आपूर्ति के लिए 32 लाख का प्रोजेक्ट बनाया। लागत ज्यादा होने के कारण यह भी ठंडे बस्ते में पड़ गया। लेकिन काम 3 लाख रुपए में पूरा कर लिया गया। काफी प्रयास करने पर जल निगम और जलकल विभाग ने मिलकर बैराज से शहर और दक्षिणी क्षेत्र में पानी आपूर्ति करने वाली मुख्य पाइपलाइन के एयर वॉल्व से ही करीब 30 मीटर लाइन बिछाई गई और उसे पुरानी पाइपलाइन में जोड़ दी गई। सुबह बैराज प्लांट चालू होते ही इसी वाल्व और पाइपलाइन के माध्यम से इन मोहल्लों में पानी की आपूर्ति होने लगी।