कानपुर। मोहर्रम से पूर्व एक हादसे में हुयी युवक की मौत से सबक लेते हुए केस्को ने बुधवार को जुलूस मार्गों पर पडने वाले सभी स्थानों पर बिजली गुल रखी जिससे सबसे बड़ा संकट हैलट अस्पताल में भर्ती मरीजों के सामने रहा। यहां पर बुधवार को लगभग 7 घंटे से भी अधिक बिजली कटौती से मरीजों के साथ ही डाक्टरों और तीमारदारों को खासी परेशानी का सामना करना पडा। बिजली के न रहने से मरीज और उनके तीमारदार ऐसी उमस भरी गर्मी में बेचैन हो गए। कई बार तीमारदारों ने अस्पताल के डॉक्टर से बिजली को लेकर आपत्ति भी दर्ज कराई, लेकिन कोई सफलता नही मिल सकी तो वहीं ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों को सबसे ज्यादा दिक्कतों को सामना करना पडा।हैलट अस्पताल के अधीक्षक आरके सिंह ने केस्को के अधिकारियों पर भडकते हुए बोले कि अगर मरीजों के साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो उसका जिम्मेिदार केवल बिजली विभाग को ही माना जाएगा।बतातें चलें कि मोहर्रम का जुलूस निकलने के दौरान केस्को ने शटडाउन लिया था। इस दौरान वार्डों में बिजली बिल्कुल भी नहीं रही। मरीजों को हाथ वाला पंखे से काम चलाना पड़ा। वार्ड में तीमारदार गर्मी के कारण इधर-उधर बेचैन होकर भागते हुए नजर आ रहे थे तो कुछ तीमारदार अपने मरीजों पर दिनभर पंखा हाथ से करते रहे। अस्पताल प्रशासन का कहना है की अलग फीडर की मांग कई बार की जा चुकी है, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। हैलट के प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि अस्पताल में अलग से बिजली आपूर्ति के लिए फीडर की कई बार मांग कर चुके हैं, लेकिन केस्को के अधिकारियों ने इस पर कोई भी सुनवाई नहीं की है। ना ही वह इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। वार्डों में बिजली जाने के बाद मरीजों की स्थिति सबसे ज्यादा बुरी हो जाती है। ऐसे में अगर उनकी तबीयत बिगड़ी है तो इसका जिम्मेदारी कौन लेगा इसके विषय में केस्को के अधिकारी सोच नही रहे हैं। मजबूरी के कारण हम लोग भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं