कानपुर। सिविल लाइंस स्थित हजार करोड़ की विवादित जमीन पर कब्जे के असफल प्रयास के बाद जिला प्रशासन ने भी सख्त कार्रवाई करते हुए उसे अब पूरी तरह से सरकारी घोषित कर दिया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर हजार करोड़ की विवादित जमीन को नजूल की फाइल में दर्ज कर दिया गया है। लगभग 10 दिनों तक चली इस मामले की जांच के बाद एसडीएम सदर की रिपोर्ट पर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने निर्देश जारी किए थे।इस औपचारिक और आधिकारिक घोषणा के बाद से अब नजूल की जमीन पर सभी के दावे अवैध हो गए हैं, साथ ही यहां से अवैध काबिज लोगों को भी हटाया जाएगा। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद ये निर्णय लिया गया। टीम पहले ही जमीन सरकार में निहित होने का नोटिस चस्पा कर चुकी थी। बतातें चलें कि सिविल लाइंस स्थित 15/62 नजूल की जमीन 69, 69 ए, बी और सी के नाम पर प्रचलित है। यहां पर 69 में 15688 वर्गमीटर, 69 ए में 1665.57 वर्गमीटर, 69 बी में 5865 वर्गमीटर और 69 सी में 340 वर्गमीटर जमीन है। चारों जमीनें लीज पर वूमेंस यूनियन मिशन सोसाइटी ऑफ अमेरिका को लीज पर दी गई थीं। सोसाइटी का नाम बदलकर बिना डीएम की अनुमति के जमीन को खरीदा बेचा गया। लीज खत्म होने के बावजूद अवैध तरीके से खरीद-फरोख्त होती रही। प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। करीब 10 दिन पहले अवैध तरीके से जमीन में कब्जा करने का प्रयास हुआ था। उसके बाद डीएम ने एसडीएम सदर से जमीन की रिपोर्ट तलब की थी। जिलाधिकारी राकेश कुमार कुमार सिंह ने बताया कि जमीन अब सरकारी भूमि में दर्ज हो गई है। आदेश जारी कर दिया गया है। उसे नजूल रजिस्टर में दर्ज करा दिया गया है। मौके पर काबिज अवैध कब्जेदारों जगह खाली कराई जाएगी। हडर्ड स्कूल के सामने नजूल की जमीन पर कब्जे का मामला सामने आने के बाद डीएम ने जांच टीम गठित की थी। इसमें एसडीएम सदर प्रखर कुमार, तहसीलदार रितेश कुमार और एसीएम सप्तम सुरेंद्र बहादुर को नामित किया था। टीम ने विभागीय दस्तावेजों की पड़ताल की। मौजूदा समय में उक्त जमीन पर रहने वालों के बयान दर्ज किये। एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सोसाइटी को दी गई लीज खत्म होने के बाद उसको बढ़वाया नहीं गया। लीज रेंट नहीं जमा किया गया। फ्री होल्ड की प्रक्रिया नहीं की गई। अवैध तरीके से परिसर में स्कूल और गेस्ट हाउस का संचालन होता रहा। लीज खत्म हो चुकी है। इसलिए जमीन को सरकारी भूमि में दर्ज किया जाए। डीएम ने जमीन को सरकारी भूमि में दर्ज करने का आदेश दिया। उसको नजूल रजिस्टर में दर्ज किया गया। वहीं मौके पर पाए गए तीन कब्जेदारों को अब खाली कराया जाएगा।