July 27, 2024

संवाददाता।
कानपुर। प्रदेश मे 20 जून तक मानसून एंट्री कर करेगा। बलिया और देवरिया के रास्ते मानसून आएगा। मौसम विभाग के मुताबिक, पूर्वांचल में 22 जून से जोरदार बारिश का अनुमान है। 2 दिन बाद यानी 24 जून तक मानसून सेंट्रल और बुंदेलखंड यूपी को कवर कर लेगा। 6 दिन बाद 30 जून तक पश्चिम यूपी पहुंच जाएगा। यानी, 20 से 30 जून तक मानसून पूरे यूपी को कवर कर लेगा। पिछले साल 2023 में 21 जून को मानसून ने यूपी में एंट्री की थी। कानपुर की सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम वैज्ञानिक डॉ. सुनील पांडेय ने बताया- प्री-मानसून बारिश का दौर यूपी में शुरू हो चुका है। स्थानीय मौसमी बदलावों के चलते मानसून की एंट्री की डेट में एक-दो दिन का बदलाव हो सकता है। अगले हफ्ते तक स्थिति काफी साफ हो जाएगी। मानसून 19 मई को अंडमान-निकोबार पहुंच चुका है। 31 मई को यह केरल पहुंचा। पिछले साल भी मानसून ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 19 मई को ही दस्तक दी थी, लेकिन केरल में 9 दिन देरी से 8 जून को पहुंचा था। पिछले महीने आईएमडी ने बताया था कि देश में इस साल सामान्य से बेहतर मानसून रहेगा। 104 से 110 फीसदी के बीच बारिश को सामान्य से बेहतर मानता है। यह फसलों के लिए अच्छा संकेत है। खरीफ की फसलें सामान्य मानसूनी बारिश पर निर्भर करती हैं। आईएमडी ने बताया कि 2024 में 106% यानी 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है। 4 महीने के मानसून सीजन के लिए लॉन्ग पीरियड एवरेज 868.6 मिलीमीटर यानी 86.86 सेंटीमीटर होता है। यानी मानसून सीजन में कुल इतनी बारिश होनी चाहिए। वेदर एजेंसी स्काईमेट ने 9 अप्रैल को बताया था कि इस बार मानसून सामान्य रहेगा। यानी जून से सितंबर तक 4 महीने में औसत या सामान्य बारिश होगी। इस साल 23 राज्यों में अच्छी बारिश होगी। जून से सितंबर के बीच यूपी में सामान्य बारिश 829.8 मिलीमीटर होनी चाहिए। इस बार सामान्य बारिश होने का अनुमान है। मानसून सीजन के आखिरी पड़ाव यानी सितंबर तक प्रशांत महासागर में ला-नीना एक्टिव होगा। इस वजह से अच्छी बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञानी डॉ. पांडेय ने बताया कि 7 साल बाद मानसून की चाल बदली है। आमतौर पर हर साल केरल में मानसून आने के 4 से 5 दिन बाद मेघालय और उत्तर पूर्व के अन्य इलाकों में पहुंचता है। लेकिन, पिछले 7 साल से ऐसा नहीं हो रहा है। 2017 के बाद अब पहली बार 2024 में ऐसी स्थिति दोबारा बन गई है। प्री-मानसून बारिश की बात करें तो इस बार प्रदेश में 79% कम हुई। मार्च से मई के बीच दर्ज होने वाली बारिश को प्री-मानसून बारिश कहा जाता है, लेकिन इस बार इसमें काफी कमी दर्ज की गई। पिछले साल 2023-24 में होने वाली प्री-मानसून बारिश की बात करें तो मार्च से मई के बीच 32.6 मिलिमीटर दर्ज हुई।

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