कानपुर। आईआईटी में पिछले एक सप्ताह से घूमते पाया गया शातिर तेंदुआ आखिरकार कैमरे में कैद तो हुआ लेकिन पकड में नही आ सका है। ये तेंदुआ आईआईटी परिसर में निर्माणाधीन गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी के पास वन विभाग की ओर से लगाए गए ट्रैप कैमरे में कैद हुआ है। पहले पैरों के निशान और अब फुटेज में दिखाई देने के बाद वन विभाग ने उसे पकड़ने के लिए दो पिंजड़े लगाए इसके बावजूद वह अभी तक पकड में नही आ सका है। वन विभाग की टीम के मुताबिक निर्माणाधीन गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी के पास सुबह चार बजे तेंदुआ पानी पीने जाता दिखाई दिया। इसके बाद वह पीछे की घास में छिप गया। जिला वन अधिकारी दिव्या के अनुसार आईआईटी में तेंदुआ होने की पुष्टि हो गई है। गुरुवार को उन दोनों स्थानों पर पिंजड़े लगाए गए हैं, जिन जगहों पर लोगों ने तेंदुआ देखने का दावा किया था। एक पिंजड़ा गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी के पास और दूसरा धोबी घाट के पास रखा है। अब किसी भी व्यक्ति को रात में उधर जाने के अनुमति नहीं है क्योंकि वहां चहलकदमी होने से तेंदुआ सतर्क हो जाएगा। बता दें कि वन विभाग ने धोबीघाट के पास भी ट्रैप कैमरा लगाया है। वन विभाग के सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा मुख्य वन संरक्षक केके सिंह, प्रभारी वन अधिकारी दिव्या ने आईआईटी परिसर का निरीक्षण भी किया है। लगातार जंगलों में तेंदुए की हलचल को देखते हुए वन विभाग की टीम ने कैमरा ट्रैप लगाया है। गुरुवार की रात जंगलों में लगे कैमरे में तेंदुआ एक सेही का शिकार करते हुए देखा गया है। इसके बाद से आईआईटी प्रशासन और वन विभाग की टीम और ज्यादा सतर्क हो गई है और लगातार तेंदुए को पकड़ने के लिए जंगलों में घूम रही है। प्रभागीय वन अधिकारी दिव्या ने बताया कि जंगलों में लगातार तेंदुआ टहलता दिख रहा है और वह रात के अंधेरे में गतिविधि करता है। इसलिए दो पिंजरे लगाए गए हैं, जिनको घास फूस से ढक दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही तेंदुए को पकड़ लिया जाएगा। वहीं, आईआईटी प्रशासन से भी अपील की गई है कि कोई भी रात के अंधेरे में अकेले हॉस्टल या घर से बाहर न निकले। इसके साथ ही लोगों से अपील की गई है कि कोई भी जमीन पर उकड़ू बनकर ना बैठे क्योंकि तेंदुआ ऐसे लोगों को जानवर समझ कर उन पर अटैक कर देता है। लोगों को परिसर में दिन में भी निकलने से मना कर दिया गया है ।