January 26, 2025

-कई दिनों की मशक्कत के बाद भी कर्मचारियों के हाथ खाली 

कानपुर। बीती 12 जुलाई को नगर के आईआईटी परिसर के जंगलों में दिखाई दिया तेंदुआ वहां पर तैनात वन विभाग के कर्मचारियों को लगातार चकमा दे रहा है। तेंदुए को पकडने के लिए वन विभाग की ओर से लगाए चार पिंजरें भी उसको अपनी ओर आकार्षित करने में असफल हो रहे हैं। वन विभाग के कर्मचारियों की कडी मशक्कत के बाद भी उनके हाथ अभी तक खाली ही हैं। अब तो वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि तेंदुआ वापस जंगल की ओर चला गया है।  बतातें चलें कि आइआइटी परिसर में 16 दिन पूर्व छात्रावास नम्बर 10 और 11 के पीछे कुछ छात्रों को तेुदआ दिखाई दिया था। इसके बाद छात्रों ने फोन कर सुरक्षा गार्ड को इसकी जानकारी दी थी।  आखिरी बार तेंदुआ 19 जुलाई की रात वन विभाग के कैमरे में कैद हुआ था। इसके बाद से उसके पद चिन्ह भी अब जंगलों में नहीं मिल रहे हैं। इससे वन विभाग ये मान रहा है कि तेंदुआ वापस जंगलों की तरफ चला गया है लेकिन अभी जंगल से पिंजरे नहीं हटाए गए हैं। वहीं, मचान पर बैठकर लगातार वन विभाग के लोग उसकी निगरानी भी कर रहे हैं। चिड़ियाघर के डॉ. नासिर खान तेंदुआ की हर गतिविधियों पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल तेंदुआ काफी दिनों से कमरे में कैद नहीं हुआ है और ना ही कोई नए पद चिन्ह अब मिल रहे हैं।इसलिए माना जा रहा है कि वह वापस जंगल की तरफ चला गया है, लेकिन यह जानवर जब भी जाता है तो 15 से 20 दिन के अंदर फिर उसी रास्ते पर आ सकता है। क्योंकि वह जिस रास्ते से जाता है वहां पर अपनी यूरिन छोड़ता जाता है। इस कारण अभी एहतियात तौर पर पिंजरे वहीं पर रखे गए हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल अभी जंगल पर निगाह बनाए हुए हैं। किसी भी प्रकार की लापरवाही हम लोग नहीं बरतना चाह रहे हैं, जो मचान बनाई गई थी। उन दोनों मचानों से रात को निगरानी भी की जा रही है। जंगलों में वन विभाग की टीम को कुछ पंजों के निशान दिखाई दिए। बरसात होने के कारण मिट्टी गीली थी। इसलिए वह पंजे पहचान पाना सभी के लिए मुश्किल हो रहा था। इसके लिए टीम ने ट्रैप कैमरे लगाए। ट्रैप कमरे में उस स्थान पर रात में कुत्ते कैद हुए। इससे अनुमान लगाया गया कि रात में यहां पर कुत्ते आते हैं। जिनके यह पैरों के निशान बने हैं। वन विभाग का मानना था कि लगातार जंगल में जो गतिविधियां हो रही है। इससे भी तेंदुआ घबराकर भाग गया होगा या फिर कहीं छुप गया होगा। इसके चलते वन विभाग ने जंगल की सारी गतिविधियां फिलहाल रोक दी है। सिर्फ मचान के ऊपर बैठकर उसकी निगरानी की जा रही है।डॉ. नासिर खान ने बताया कि अभी हम लोगों ने जंगल में दो पिंजरे लगा रखे हैं। इसके अलावा दो नए पिंजरे और तैयार कराए गए हैं, लेकिन जंगल में किसी भी प्रकार की तेंदुए की गतिविधि नजर नहीं आ रही है ना ही उसकी लोकेशन ट्रेस हो रही है। इसलिए अभी नए पिंजरे नहीं लगाए गए हैं, जैसे ही उसकी कोई लोकेशन ट्रेस होती है तो फिर वहां पर इन पिंजरों का प्रयोग किया जाएगा।

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