कानपुर। मनरेगा योजना में पक्के कार्यों पर मैटेरियल का भुगतान करने के लिए जारी धनराशि निकालने के लिए सरकारी नियमों को धता बताते हुए बीडीओ स्तर के अधिकारियों ने ही लूट मचा दी। महज आधे घन्टे के लिए ही खुले पोर्टल से जिले के विभागीय अधिकारियों ने लगभग 1.50 करोड़ रुपए की धनराशि निकाल ली। इसमें शिवराजपुर खण्ड विकास अधिकारी (बीडीओ) ने नियमों को दरकिनार करते हुए 6 लाख रुपए के अलग-अलग बिल बनाकर अपने डोंगल से मैटेरियल की फर्मों को करीब 21.36 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। जबकि नियमानुसार एक एफटीओ से 1.50 लाख से ज्यादा का बिल नहीं बना सकते थे। मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे-पक्के निर्माण कार्य होते हैं। मनरेगा में बजट का 60 प्रतिशत कच्चा और 40 प्रतिशत पक्का कार्य किया जाता है। निवर्तमान प्रधानों ने बीते वर्ष करीब 13 करोड़ रुपए का पक्के कार्य करवाए थे। इसमें मजदूरी का भुगतान हो गया, लेकिन मैटेरियल का भुगतान मार्च के बाद नहीं हो पाया था। शनिवार को शासन ने प्रदेश भर के लिए ऑनलाइन भुगतान करने के लिए पोर्टल खोला था। 30 मिनट में ही पक्के कार्य का पैसा समाप्त हो गया। जिले में करीब 1.50 करोड़ रुपए 10 बीडीओ ने अपने डोंगल लगाकर निकाले। वहीं शिवराजपुर बीडीओ आशीष मिश्रा ने अपने डोंगल से नियमों का उल्लंघन कर 6 अलग-अलग एफटीओ (9.77 लाख, 4.55 लाख, 3.10 लाख, 2.32 लाख, 1.60 लाख, 25 हजार रुपये) लगाकर कुल 21.36 लाख रुपए का फर्मों को भुगतान कर दिया। सभी एफटीओ 1.50 लाख रुपए से अधिक के लगाए गए। जो नियम विरूद्ध तरीके से किया। जब इसकी जानकारी मनरेगा उपायुक्त को हुई तो उन्होनें बीडीओ से पूछताछ की। बीडीओ ने खुद को निर्दोष बताकर एपीओ मनरेगा, कंप्यूटर आपरेटर को दोषी बना दिया। बीडीओ ने दोनों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। शिवराजपुर बीडीओ के पास शिवराजपुर ब्लाक के साथ-साथ चौबेपुर ब्लाक का भी चार्ज है। वहीं मनरेगा कार्यों की जिम्मेदारी बिधनू, बिल्हौर, शिवराजपुर ब्लाक की है। यानी मनरेगा के तहत जो भी कच्चे-पक्के कार्य होंगे उनका भुगतान बीडीओ के डोंगल से किया जाएगा।यही नहीं बीडीओ ने जो भुगतान किया वो कल्याणपुर ब्लाक में बैठकर किया। जबकि नियम है जिस ब्लाक के कार्यों का भुगतान होना है बीडीओ उसी ब्लाक के कंप्यूटर से करेंगे। लेकिन ऐसे कुछ नहीं किया गया।मामले में उपायुक्त मनरेगा सुधा शुक्ला ने बताया कि नियमों का उल्लंघन कर भुगतान करने की जानकारी हुई है। बीडीओ से जवाब-तलब किया जाएगा। सीडीओ दीक्षा जैन ने बताया कि बीडीओ ने अगर नियमों का उल्लंघन कर गलत भुगतान किया है तो उसकी जांच होगी। अगर गलत भुगतान पाया गया तो संबंधित का खिलाफ कार्रवाई तय है।