September 8, 2024

कानपुर। आयुष्मा  कार्ड से गरीबों का इलाज करने के लिए सरकार को आवेदन कर फायदा उठाने वाले लगभग 16 निजी अस्पतालों में जिला प्रशासन ने फर्जीवाड़ा पकड़ा है। गंभीर बीमारियों के इलाज का दावा करने वाले अस्पतालों में आईसीयू तक नही है लेकिन बिल आईसीयू का ही बना देते हैं। यही नही जिस मर्ज का इलाज भी अस्पतालों में नही हो सकता उन्होंने भी सरकार से आवेदन किया है। बता दें कि जिलाधिकारी के निर्देश पर अस्पतालों की हकीकत जानने के लिए पांच एडीएम अलग-अलग अस्पतालों में जांच करने पहुंचे तो उनको अस्पहतालों में कई खामियां मिलीं। जिसपर उन्होंएने जिलाधिकारी को अस्पआतालों की ओर से कि‍ये जा रहे फर्जीवाडे की रिपोर्ट पेश की है। अधिकारियों ने अस्परतालों की खामियों को दूर करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। गरीबों के इलाज के लिए केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना का लाभ देने के लिए शहर के 16 प्राइवेट अस्पतालों ने आवेदन किया था। जिस बीमारी का इलाज करने के लिए अस्पतालों ने आवेदन दिया, उसकी वहां व्यवस्था ही नहीं मिली। खामियों को दूर करने का अस्पताल संचालकों को मौका दिया गया है। जल्द ही फाइनल अस्पतालों की सूची जिलाधिकारी की टीम जारी करेगी। कमजोर वर्ग के लोंगो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना चलाई जा रही है। इसमें लोगों को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा है। इलाज के दौरान इसमें दवाई की लागत, चिकित्सा आदि का खर्च सरकार की ओर से दिया जाता है। जो लोग योजना के पात्र हैं उनके लिए आयुष्मान कार्ड जारी किया गया है। प्राइवेट अस्पताल में भी 5 लाख तक इलाज कर सकते हैं। अभी तक जिले के करीब 152 अस्पतालों को आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने की अनुमति थी। इस योजना के तहत मरीजों का लाभ करने के लिए शहर बड़े निजी अस्पतालों ने भी आवेदन किया है। अस्पतालों की हकीकत जानने के लिए जिलाधिकारी ने डॉक्टरों के साथ सीडीओ, एडीएम वित्त, एडीएम प्रशासनिक, एडीएम सप्लाई को जांच अधिकारी नामित किया था। अधिकारियों के सत्यापन में कई अस्पतालों में खामीं मिलीं। जिस मर्ज का इलाज करने के लिए आवेदन किया था उसकी वहां कोई व्यवस्था ही नहीं मिली। एक अस्पताल ने गंभीर बीमारियों का ऑपरेशन करने के लिए आवेदन किया था, जांच में पता चला कि अस्पताल में आईसीयू की सुविधा ही नहीं है। तो कैसे आपरेशन होगा। इसी तरह से कई जगह अलग-अलग खामियां मिली हैं। अधिकारियों ने सत्यापन कर अपनी-अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। अब जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित टीम फाइनल अस्पतालों की सूची तैयार कर इलाज करने की अनुमति जारी करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *