संवाददाता।
कानपुर। नगर के चर्चित कुशाग्र अपहरण-हत्याकांड में कोर्ट ने मुख्य आरोपी ट्यूशन टीचर रचिता वत्स की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जमानत याचिका खारिज करने के लिए रायपुरवा थाना प्रभारी ने कोर्ट में एक प्रार्थना-पत्र दिया था। पुलिस का दावा था कि अगर रचिता वत्स को जमानत मिली तो वह जमानत की शर्तों को उल्लंघन और केस को प्रभावित कर सकती है। रायपुरवा थाना क्षेत्र के आचार्य नगर में रहने वाले कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया के बेटे कुशाग्र (16 वर्ष) की 30 अक्तूबर 2023 को अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। रायपुरवा पुलिस ने जांच की तो सामने आया था कि प्रभात की ट्यूशन टीचर रचिता वत्स ने अपने प्रेमी प्रभात शुक्ला और उसके दोस्त शिवा गुप्ता उर्फ आर्यन के साथ अपहरण के बाद हत्याकांड को अंजाम दिया था। पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेजा था। मौजूदा समय में तीनों आरोपी जेल में ही हैं। अपहरण-हत्याकांड की मुख्य आरोपी ट्यूशन टीचर रचिता वत्स की ओर से एडीजे-7 की कोर्ट में जमानत याचिका को लेकर अर्जी डाली गई थी। मामले में मंगलवार को जज आजाद सिंह ने जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद इसे खारिज कर दिया। रायपुरवा थाने की पुलिस ने भी कोर्ट को प्रार्थना-पत्र भेजकर जमानत खारिज करने के लिए निवेदन किया था। कानपुर के चर्चित कुशाग्र अपहरण-हत्याकांड में रायपुरवा थाने की पुलिस ने ट्यूशन टीचर और उसके प्रेमी समेत तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की है। ट्यूशन टीचर रचिता वत्स ने प्रेमी प्रभात से शादी और अपना घर बसाने के लिए जघन्य अपहरण हत्याकांड को अंजाम दिया था। इसमें प्रभात का दोस्त तीसरा आरोपी शिवा उर्फ आर्यन भी शामिल था। रायपुरवा पुलिस ने तीनों पर गैंगस्टर की भी कार्रवाई की है।