संजीव कुमार भटनागर
अद्भुत नाम काल लिए, नवसंवत्सर नव वर्ष|
चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा, प्रयास नवल सहर्ष।|
राजा मंगल जानिए, मंत्री शनि का साल|
विकास उन्नति वर्ष है, होंगे दूर बवाल।|
नव संवत्सर में सजे, मनुज नए अरमान|
रूप प्रकृति बदले नवल, है भारत की शान||
नव संवत में गा रहे, चैत्र माह मन मीत|
नवल संकल्प से बने, सकल जगत में प्रीत||
जग को दें शुभकामना, रचता मन नवगीत|
चैत्र नवरात्रि पूजते, नव संवत नव रीत||
गुड़ी पाड़वा से शुरू, विक्रम संवत आज|
माँ का पूजन नौ दिवस, पूरे होते काज||
बाली के वध का दिवस, कहती कथा उगादि|
प्रथम चैत्र नवरात्रि को, मानते सृष्टि आदि||
शतकर्णी के तेज में, विश्व विजय के तीर|
शक संवत शुरू किया, शालीवाहन वीर||