कानपुर। भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए सावन महीना बहुत ही उपयुक्त माना गया है इस बार ये महीना 22 जुलाई से शुरु होगा। कानपुर की काशी कहे जाने वाले बाबा आनन्देश्वर धाम में रात्रि दो बजे मंगला आरती के बाद मन्दिर के पट भक्तों के लिए खोल दिए जांएगे। इसके लिए मन्दिर प्रशासन रविवार को तैयारियों में लगा रहा यही नही जूना अखाडे से जुडे अन्तर्राष्ट्रीय संरक्षक हरी गिरी ने मन्दिर में सावन की तैयारियों को परखने का काम भी किया। कानपुर की काशी में भक्तों का देर रात से ही पहुंचना शुरू हो जाएंगे। इसको लेकर कानपुर के अन्यं शिव मंदिरों में तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम किया जा रहा है। मंदिरों के बाहर से लेकर अंदर तक की सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए है। भक्तों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे मंदिर परिसर को सीसीटीवी से लैस किया गया है। बाहर से लेकर अंदर गर्भ गुफा तक सीसीटीवी लगाए गए है, ताकि कोई आराजक तत्व माहौल को बिगाड़ न सके। इसके अलावा पुलिस बल भी तैनात किया जाएगा। कानपुर के बिठूर घाट, जाजमऊ, अटल घाट, मौनी घाट, सरसैया घाट, भगवत दास घाट, मैस्कर घाट, गुप्तार घाट, भैरव घाट, ड्यूढी घाट, शिवराजपुर समेत सभी घाटों पर जल पुलिस को तैनात किया गया है। इसके अलावा गोताखोरों की भी तैनाती की गई है। साथ ही वहां पर सिविल ड्रेस में भी पुलिस की तैनाती की गई है। आनंदेश्वर मंदिर में मंगला आरती के बाद रात 2 बजे भक्तों के लिए कपाट खोल दिए गए। मंदिर के महंत अरुण भारती ने बताया कि सावन में मंदिर में विशेष व्यवस्था की गई है। सावन में हर दिन भोर में मंगला आरती के बाद पट भक्तों के लिए खोले जाएंगे। भक्तों को पूरे 5 सोमवार बाबा की पूजा और आशीर्वाद प्राप्त करने का मौका मिलेगा। इस बार सावन का पवित्र महीना 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगा शहर के परमट मंदिर, जागेश्वर मंदिर, खेरेश्वर मंदिर, सिद्धनाथ मंदिर, पातालेश्वर मंदिर में बैरिकेडिंग लगाकर भक्तों को दर्शन कराए जाएंगे। मंदिर के बाहर से भक्तों की लाइन लगनी शुरू हो जाएगी।परमट मंदिर के महंत अरूण भारती ने बताया कि सावन में सोमवार के दिन लाखों लोग बाबा के दर्शन करने के लिए आते है। इसको ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के हर तरह के इंतजाम किए गए है। पुलिस के साथ मिलकर बैठक कर के सारा प्लान तैयार किया गया है। देर रात से ही भक्त यहां पर आना शुरू हो जाते है ,यही नही कहीं देर रात तो कहीं भोर पहर मंगला आरती के बाद सभी शिवालय के पट खोल दिए जाएंगे।
