कानपुर। कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर के प्रभारी डॉक्टर अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में कृषि वैज्ञानिकों की टीम ने ग्राम कुंदनपुर के कृषकों के खेतों का निरीक्षण किया उसके बाद धान की उन्नत खेती के लिए तकनीकी विधियां बताई। प्रगतिशील कृषक सुंदर सिंह चौहान के खेत में खड़ी धान की नर्सरी का अवलोकन कर उन्हें वैज्ञानिकों ने सलाह दी की धान की फसल में ज्यादातर जिंक आदि सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जिससे खैरा रोग होता है। इसकी पूर्ति हेतु धान की रोपाई के समय एक एकड़ धान में 10 किलो जिंक सल्फेट का प्रयोग करें। मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान ने कृषकों को सलाह दी है कि धान की रोपाई के 20 से 25 दिनों के दौरान सबसे अधिक पौधों को पोषण की आवश्यकता होती है इस समय 20 किलोग्राम नाइट्रोजन तथा 10 किलोग्राम जिंक का मिश्रण अवश्य प्रयोग करें। किसानों को सलाह देते हुए वैज्ञानिकों ने बताया कि पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए समय-समय पर जैविक खादें या एंजाइम्स डालना चाहिए। इससे पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं और बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है। इस अवसर पर उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण कुमार सिंह,गृह वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी तथा प्रगतिशील कृषक सुंदर सिंह चौहान सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।