
संवाददाता।
कानपुर। नगर में कोरोना काल के बाद से कई नाकारात्मक तो कई सकारात्मक चीजें सामने आई हैं, जैसे कि बच्चों की किताबों के प्रति से रुचि कम हो गई है। उनको स्क्रीन में पढ़ाई करने में ज्यादा मजा आती हैं। वहीं, बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच जो कम्युनिकेशन गैप था वह कम हुआ हैं। यह बात रविवार को स्वरा एकेडमी ऑफ फिजियोलॉजी में आयोजित पर्सनालटी डेवलपमेंट प्रोग्राम के उद्घाटन के दौरान काउंसलर डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी ने कही। उन्होंने कहा कि आज कल के बच्चों का स्क्रीन टाइम बहुत ज्यादा हो गया है। वह मोबाइल में ज्यादा समय दे रहे हैं। इसका अभिभावकों को ध्यान रखना होगा। इसके साथ ही जो बच्चे आजकल मार-काट वाले गेम खेल रहे इससे वह हिंसक होते जा रहे हैं। ध्यान देना होगा कि बच्चे किस तरह के मोबाइल गेम खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल की प्रतियोगिताओं में जरूर उतारना चाहिए क्यों कि बच्चे वहीं से हार जीत को सहन करना सीखते हैं, जब बच्चे इस तरह से तैयार होते है तो उनके मन में कभी नकारात्मक सोच नहीं आती है। बच्चे स्कूल से निकल कर कॉलेज जाते है तो यहां पर बच्चों को बड़ी-बड़ी स्पर्धाओं का सामना करना पड़ता है ऐसे में फिर बच्चे तनाव में आने लगते है और फिर वह गलत कदम उठा लेते हैं। डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी ने कहा कि एकेडमी में 3 से 13 साल तक के बच्चे लिए जाएंगे। यहां पर उन्हें मेडिटेशन और योग के माध्यम से उनकी वैल्यू को बढ़ाने पर काम करेंगे।इसके साथ ही अभिभावकों की भी यहां पर काउंसलिंग की जाएगी क्योंकि आज के अभिभावक भी खुद को बदलना चाहते हैं। डॉ. प्रज्ञा ने कहा कि आज कल अभिभावकों का फोकस अपने बच्चे की शिक्षा पर अधिक होता है, लेकिन जब तक उन वैल्यू को हम लोग नहीं बढ़ाएंगे तब तक उनका पूर्ण विकास संभव नहीं हो सकता है। आज कल बच्चों में सबसे ज्यादा मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन देखने को मिल रहा हैं। इस मौके पर अजय खन्ना, डॉ. एनके सक्सेना, सरिता मिश्रा, डॉ. आभा सक्सेना, डॉ. आराधना गुप्ता, डॉ. सरोज अग्रवाल आदि लोग मौजूद रहे।