September 17, 2024

कानपुर। राजकीय आश्रम पद्धति स्कूल के छात्रावास में रह रहे छात्र तपिश भरी गर्मी और प्यास के चलते  बेहोश हो गये। इन्‍द्रानगर स्थित इस छात्रावास में शिकायत के बावजूद कोई निष्कर्ष न निकलने  के कारण छात्रों का आक्रोश भी फूट पड़ा। छात्रों ने रात के अंधेरे में स्कूल के प्रधानाचार्य कक्ष मे ईंटे चलाकर जमकर तोड़फोड़ की जिससे वहां पर रखे फ्रिज, एसी, एलईडी टीवी से लेकर वहां पर रखा हर एक समान पूरी तरह चकनाचूर हो गया। डीओ से लेकर लखनऊ तक के उच्च अफसरों को जानकारी दी गई। दोपहर को सीडीओ दीक्षा जैन ने निरीक्षण किया था। उन्होंने छात्रों से पूछताछ की शिकायतों की झड़ी लगा दी थी। सीडीओ ने छात्रावास के जिम्मेदारों से स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए। वहीं स्कूल के सीसीटीवी कैमरे बंद होने के कारण अधिकारियों को तोड़फोड़ करने वालों की जानकारी तक नहीं हो सकी। समाज कल्याण विभाग का इंद्रानगर स्थित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय के छात्रावास में दोपहर से बिजली गायब थी। बिजली न आने के कारण शाम से पानी की आपूर्ति ठप हो गई। छात्र गर्मी और प्यास से परेशान हो गए। जिम्मेदारों ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था ही नहीं की। रात 8 बजे एक के बाद एक के बाद एक छात्र गर्मी से बीमार होना शुरू हो गए। करीब 6 छात्र बेहोश हो गए। जिसके बाद प्रधानाचार्य से लेकर वहां के प्रभारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन बच्चों को लेकर आसपास के अस्पताल में भर्ती कराया। इसकी जानकारी समाज कल्याण अधिकारी शिल्पी सिंह को दी गई। इसी बीच आक्रोशित छात्रों ने विद्यालय का मुख्य द्वारा खुला पाकर प्रधानाचार्य संतोष कुमार के कक्ष के दरवाजे पर पत्थर चलाकर तोड़ दिया। इसके बाद कमरे में रखा हर एक सामान पूरी तरह ईंटे से चकनाचूर कर दिया। इसकी जानकारी सीडीओ को दी गई तो उन्होंने डीडीओ गजेंद्र प्रताप सिंह को मौके पर जाकर छात्रों को संभालने के निर्देश दिए गए। डीडीओ करीब रात 11 बजे मौके पर पहुंचकर पानी का टैंकर मंगवाया किसी तरह छात्रों को समझा कर शांत कराया। मुख्य विकास अधिकारी ने स्कूल में पहुंचकर निरीक्षण किया। उन्होंने उप निदेशक समाज कल्याण , जिला समाज कल्याण अधिकारी और स्कूल के प्रधानाचार्य से पूछा कि आखिर बच्चों का गुस्सा इस स्तर पर कैसे पहुंच गया कि उन्होंने तोड़-फोड़ कर डाली। जिसका कोई सही जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद सीडीओ ने छात्रों से मुलाकात कर उनकी समस्या पूछी तो शिकायतों की झड़ी लग गई। छात्रों ने बताया कि बिजली जाने के बाद छात्रावास में पीने का पानी नहीं था। कई बार प्रधानाचार्य से कहा गया लेकिन किसी ने पानी की व्यवस्था नहीं की। पानी में कीड़े आते हैं कई बार बताया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। भोजन की गुणवत्ता बहुत खराब है। कई पंखे खराब हैं। स्कूल में कोई जनरेटर तक नहीं है। छात्रों की समस्या सुनकर सीडीओ नाराज हो गईं उन्होंने समाज कल्याण अधिकारी से जिम्मेदार का स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए। छात्रों के बेहोश होने की जानकारी समाज कल्याण अधिकारी को दी गई थी, लेकिन वो जिले में नहीं थी। उन्होंने छात्रों को भर्ती कराने के निर्देश प्रधानाचार्य को दिए थे। रात में छात्रों ने आक्रोशित होकर जब प्रधानाचार्य कक्ष में तोड़-फोड़ कर दी तो उस समय जिले से बाहर थीं। डीडीओ ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला। इसके बाद आनन-फानन समाज कल्याण अधिकारी रात 12 बजे करीब विद्यालय पहुंच पाये। 

विद्यालय परिसर में कैमरे लगे हैं। लेकिन बिजली न आने के कारण कैमरे बंद थे। रात के अंधेरे में प्रधानाचार्य कक्ष में कौन तोड़ फोड़ कर गया इसकी जानकारी ही किसी को नहीं हो सकी। छात्रों ने पूछताछ में कोई तोड़-फोड़ न करने की बात कही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *