
संवाददाता।
कानपुर। नगर मे अकबरपुर लोकसभा सीट से भाजपा ने सभी चर्चाओं को ध्वस्त करते हुए तीसरी बार देवेंद्र सिंह भोले पर विश्वास जताया है। हाल ही में उन्होंने टिकट को लेकर मीडिया में बयान दिया था कि टिकट उनकी जेब में है। टिकट फाइनल होने के बाद उनके इस बयान की चर्चाएं भी खूब होने लगी हैं। बिठूर से भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा लगातार अकबरपुर लोकसभा सीट से टिकट मांग रहे थे। इसको लेकर बीते कई दिनों से वे दिल्ली में डेरा डाले हुए थे। लेकिन पार्टी ने उनको किनारा दिखाते हुए देवेंद्र सिंह भोले को ही टिकट थमा दिया। वहीं अब पार्टी में भीतरघात होने की आशंकाएं भी प्रबल होने लगी हैं। अकबरपुर सीट मुख्य रूप से हिंदू बाहुल्य सीट मानी जाती है। इसमें पांच विधानसभाएं अकबरपुर रनियां, बिठूर, कल्याणपुर, महाराजपुर और घाटमपुर आती हैं। यहां ब्राह्मण 55 हजार, क्षत्रिय 25 हजार, यादव 45 हजार, वैश्य 20 हजार, कुशवाहा 18 हजार, दलित 60 हजार और मुस्लिम वोटर करीब 15 हजार है। देवेन्द्र सिंह पहली बार वर्ष-2014 में 16वीं लोकसभा के लिए अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। भाजपा के टिकट पर वह चुनावी मैदान में उतरे थे। उन्होंने विपक्ष में बसपा ने अनिल शुक्ल वारसी को चुनाव हराया । देवेंद्र ने अनिल को 278997 वोटों के भारी अंतर से हरा दिया। युवावस्था से ही भाजपा के साथ जुड़े रहे देवेंद्र उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के दिग्गज नेता माने जाते हैं। वह 1993 और 1996 में डेरापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुके हैं। वह 1988 से 1992 तक झींझक ब्लॉक के अध्यक्ष रहे। 1 सितम्बर 2014 से ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति, परामर्शदात्री समिति, गृह मंत्रालय के सदस्य रह चुके हैं। अकबरपुर संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र सिंह भोले ने 2019 मे 2,75,142 वोटों से बसपा प्रत्याशी निशा सचान को पराजित कर लगातार दूसरी बार जीत हासिल की थी। वर्ष-2014 के चुनाव में उन्होंने 2,78,997 वोटों से जीत हासिल की थी। बसपा प्रत्याशी को छोड़कर बाकी सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। इसमें कांग्रेस प्रत्याशी राजाराम पाल भी थे ।