November 22, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर के चर्चित वकील मर्डर केस में कानपुर के अपर जिला जज-9 ने डी-2 गैंग के सरगना व शूटरों के खिलाफ उम्र कैद की सजा सुनाई है। डी-2 गैंग के सरगना के खिलाफ मुकदमा लड़ने और कोर्ट में पैरवी करने पर डीसी लॉ कॉलेज के सामने एडवोकेट की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। केस को सजा तक आने में इतना समय लग गया कि दो शूटरों की मौत हो गई। फिलहाल फैसला आने के बाद पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली है। कुली बाजार में रहने वाले मो. नासिर ने 24 मार्च 2004 को कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि उसके चचेरे भाई वकील खुर्शीद अहमद रोज की तरह कचहरी में काम निपटाकर स्कूटर से घर आ रहे थे। डीसी लॉ कालेज मुख्य गेट से परेड की तरफ पहुंचने पर पहले से कुली बाजार निवासी डी-2 गैंग घात लगाए बैठा थे। तभी सरगना इकबाल उर्फ बाले, उसके भाई अतीक, रफीक, बिल्लू उर्फ तौफीक ने खुर्शीद अहमद को गोलियों से भून डाला। इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। उधर से गुजर रहे अन्य वकीलों ने पुलिस को सूचना दी और उन्हें उर्सला हॉस्पिटल ले गए। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने एडवोकेट खुर्शीद अहमद को मृत घोषित कर दिया। कोतवाली थाने की पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू की तो सामने आया कि खुर्शीद आलम डी-2 गैंग के बदमाशों के खिलाफ केस लड़ रहे थे। इसी बात को लेकर डी-2 गैंग रंजिश रखने लगा था। इस वजह से एडवोकेट को दिनदहाड़े दौड़ाकर बीच सड़क हत्या कर दी थी। जिला सहायक शासकीय एडवोकेट प्रद्युम्न अवस्थी ने बताया, “मुकदमे की सुनवाई के दौरान रफीक और बिल्लू की मौत हो गई थी। अतीक पर 20 से ज्यादा और इकबाल पर 30 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। इनमें ज्यादातर में दोनों को सजा हो चुकी है। 72 वर्षीय अतीक इस समय आगरा जेल में बंद है। उसकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई। 62 वर्षीय इकबाल उर्फ बाले को जिला जेल से कोर्ट लाया गया था। डी-2 गैंग के रसूख के चलते 20 साल तक केस की फाइल दबी रही और आरोपियों को सजा नहीं हो सकी थी। फैसला आने में इतनी देर हो गई कि ये गैंग अब अपना अस्तित्व खो चुका है। दो आरोपियों की मौत हो चुकी है। जबकि दो आरोपी जेल में बंद हैं। एक वकील की हत्या में इतना विलंब से फैसला होने पर अन्य वकीलों ने नाराजगी जाहिर की। वहीं पीड़ित परिवार आज भी इतना खौफ में है कि खुल के कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। कानपुर के डी-2 गैंग का आपराधिक इतिहास 40 साल पुराना है। 90 के दशक में डी-2 गैंग का कानपुर से लेकर प्रदेश और देश में खौफ था। कहा जाता है कि डी-2 गैंग का अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम से भी तार जुड़े थे। यह गैंग पाकिस्तान में बनने वाली स्टार मार्का पिस्टलों की तस्करी भी करता था। 

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